एशिया में विश्व धरोहर
संयुक्त राष्ट्र सांस्कृतिक संस्था यूनेस्को ने एशिया की सात जगहों को विश्व धरोहरों की ताजा सूची में शामिल किया है. इस सूची में ऐतिहासिक महत्व की कुल 981 जगहें हैं.
दोराहे पर विश्व धरोहर
कोरिया की पूर्व राजधानी केसांग के बाहर बने किले के अवशेष को यूनेस्को की सूची में शामिल किया गया है. केसांग 918 से 1392 तक शासन करने वाले कोर्यो राजवंश के शासन काल में राजधानी था.
होंगे हानी के धान के खेत
पहाड़ी के साथ नीचे उतरते धान के ये खेत दक्षिण पश्चिमी चीन के प्रांत युनान में रहने वाले हानी लोगों ने बनाए थे. आखा के नाम से भी जानी जाने वाली हानी प्रजाति चीन के 55 अल्पसंख्यक वर्गों में से है.
प्राकृतिक सौंदर्य
हानियों ने युनान में यह खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य तैयार किया है. आएलाओ पहाड़ियों से पानी बह कर आसपास के इलाकों में आता है. दिन में प्रकाश की तीव्रता बढ़ने घटने के साथ पानी का रंग भी बदला हुआ दिखता है.
जापान की खूबसूरत पहाड़ी
यूनेस्को की इस नई लिस्ट में फूजी की पहाड़ियां भी शामिल हैं. जापान के सबसे ऊंचे पहाड़ का सौंदर्य पवित्र स्थल होने के अलावा और कला के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में जाना जाता है.
ताजिकिस्तान का राष्ट्रीय उद्यान
पामीर पर्वत श्रृंखला विश्व में सबसे ऊंची पड़ाडियों में गिनी जाती है. 120,000 वर्गकिलोमीटर में फैली ये पहाड़ियां किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान में फैली हैं. ताजिकिस्तान का नेशनल पार्क अब विश्व धरोहर है.
तियान शान के विविध रंग
पामीर के पास ही दुनिया की सबसे बड़ी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक स्थित है. 7,500 मीटर ऊंचे तियान शान पहाड़ियों को बर्फ से ढकी चोटियों और साथ लगे रेत के टीलों के लिए जाना जाता है.
ईरानी भव्यता
ईरान के गुलिस्तां पैलेस की नींव 16वीं सदी में रखी गई थी लेकिन इसका मौजूदा डिजायन 18वीं सदी का है.