एशिया के लिए कैसा रहा 2015
एशिया के लिए 2015 बेहद उतार चढ़ावों से भरा साल रहा. इस साल कुछ देशों ने गहरे जख्म देखे तो कुछ ने दशकों से पड़े विवादों का हल खोज लिया. चलिए एक नजर डालते हैं एशिया के 2015 पर.
8 जनवरी: एक अध्याय का अंत
श्रीलंका में इस साल की शुरुआत महिंदा राजपक्षे के राजनैतिक अंत से हुई. विपक्ष के नेता मैथ्रिपाला सिरिसेना ने सबको चौंकाते हुए एक दशक तक सत्ता में रहने वाले राजपक्षे को हरा दिया. अगस्त में राजपक्षे ने प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की लेकिन वहां भी हार मिली.
30 जनवरी: जुमे की नमाज लहूलुहान
दक्षिणपूर्वी पाकिस्तान के शिकारपुर शहर में एक शिया मस्जिद को आतंकवादियों ने निशाना बनाया. बम धमाके के वक्त जुमे की नमाज के लिए लोग जमा हुए थे. सुन्नी कट्टरपंथी संगठन जुनदुल्लाह ने हमले की जिम्मेदारी ली.
4 फरवरी: कैमरे में कैद आखिरी लम्हा
ताइवान की एयरलाइन ट्रांस एशिया एयरवेज के विमान के क्रैश होने से ठीक पहले की तस्वीर. पुल से टकराने के बाद विमान सीधे नदी में क्रैश हो गया. हादसे में 43 लोग मारे गए. एक इंजन फेल होने के बाद गलती से पायलट ने दूसरा इंजन बंद भी कर दिया.
25 फरवरी: बर्फ का सैलाब
कभी कट्टरपंथी आतंकवाद से परेशानी तो कभी प्राकृतिक विपदा. हिम तूफान के बाद अफगानिस्तान के ऊंचे इलाकों में जोरदार हिमस्खलन हुआ. काबुल के उत्तर में बसे इलाके में 250 लोग मारे गए.
28 मार्च: भारत की बड़ी छलांग
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने इंडियन रिजनल सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम की 1-डी सैटेलाइट को कक्षा में भेजा. इसरो को उम्मीद है कि उसका सिस्टम 2016 के मध्य तक भारतीय उपमहाद्वीप के 1,500 वर्ग किलोमीटर के दायरे में सटीक रियल टाइम पोजिशन बता सकेगा. इस तरह भारत अमेरिका के जीपीएस नेविगेशन सिस्टम पर निर्भर नहीं रहेगा.
18 अप्रैल: अफगानिस्तान पर आईएस का पहला हमला
पूर्वी अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में हुए एक आत्मघाती हमले में 30 से ज्यादा लोग मारे गए. अल कायदा के बाद अब आईएस. पहली बार अफगानिस्तान में हुए किसी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली.
मई-जून: भारत, पाकिस्तान में जबरदस्त गर्मी
भारत और पाकिस्तान के बड़े हिस्से में 2015 के इन महीनों में जबरस्त गर्मी पड़ी. भारत में 2,500 लोग मारे गए. पाकिस्तान में 1,200 लोग मारे गए. पाकिस्तान में रिकॉर्ड 49.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. भारत में पारा 47.7 डिग्री तक गया.
अप्रैल 25: नेपाल में भूकंप
7.8 तीव्रता वाले भूकंप ने हिमालय की गोद में बसे नेपाल को हिला दिया. राजधानी काठमांडू को काफी नुकसान पहुंचा. 12 मई को एक बार फिर 7.2 तीव्रता का भूकंप आया. यह नेपाल के इतिहास का सबसे जानलेवा भूकंप था. सरकार के मुताबिक 8,800 लोग मारे गए.
सात मई: ऐतिहासिक समझौता
भारतीय संसद ने बांग्लादेश के साथ एनक्लेव बदलने के लिए पेश संविधान संशोधन को पास कर दिया. इसके तहत भारतीय सीमा से घिरे बांग्लादेश के इलाके भारत में मिल गए और बांग्लादेश से घिरे भारतीय इलाके ढाका को मिल गए.
एक जून: यांगत्से में हादसा
मध्य चीन में यांगत्से नदी पर एक क्रूज शिप डूब गया. 440 लोग मारे गए. मृतकों में ज्यादातर बुजुर्ग थे जो 11 दिन की क्रूज राइड पर निकले थे. हादसे के लिए चक्रवाती तूफान को जिम्मेदार माना गया.
14 जुलाई: ईरान से परमाणु करार
कई वर्षों के तनाव के बाद तेहरान और दुनिया के छह ताकतवर देश (अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी) एक समझौते पर पहुंचे. समझौते के तहत ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम की निगरानी के लिए तैयार हो गया. इस रजामंदी के बाद उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध भी हटाने का एलान हुआ.
जुलाई-अगस्त: चीन का बाजार डगमगाया
29 जुलाई को शंघाई और शेनजेन का शेयर बाजार 24 घंटे के भीतर 8 फीसदी लुढ़क गया. 2007 के बाद चीनी बाजार ने सबसे बड़ी गिरावट देखी. अर्थव्यवस्था में आती सुस्ती के बीच चीन के सेंट्रल बैंक ने मुद्रा की कीमत गिरा दी. लेकिन इसके बावजूद चीन के छोटे कारोबारी परेशान हैं.
29 जुलाई: मास्टरमाइंड की मौत
अफगान सरकार के इस एलान ने सबको चौंका दिया. सरकार के मुताबिक 2013 में टीबी के चलते तालिबान के प्रमुख मुल्ला उमर की मौत हुई. अमेरिकी और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने भी इसकी पुष्टि की. तालिबान ने मुल्ला मंसूर को अपना नया नेता चुना
17 अगस्त: थाइलैंड में आतंकी हमला
थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक बम हमले में 20 लोगों की मौत हुई और 120 लोग घायल हुए. धमाका इरवान मठ के करीब मशहूर बाजार में हुआ. शक है कि हमला चीन के उइगुर आतंकियों ने किया.
15 अक्टूबर: अफगानिस्तान में सैन्य मौजूदगी तय
तालिबान की बढ़ती ताकत के मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अफगानिस्तान से पूरी तरह सेना हटाने का फैसला टाल दिया. फिलहाल अफगानिस्तान में 9,600 अमेरिकी सैनिक हैं. नाटो ने भी अफगान सेना के सहयोग के लिए 12,000 सैनिक मुहैया कराए हैं. जर्मनी ने अपने सैनिकों की संख्या 850 से बढ़ाकर 980 करने का फैसला किया है.
29 अक्टूबर: चीन में दो बच्चा नीति
चीन के कम्युनिस्ट नेतृत्व ने 1979 से लागू एक बच्चा नीति खत्म कर दी. लोगों को तुरंत प्रभाव से दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी. बुजुर्ग होती आबादी के खतरे से निपटने के लिए चीन ने ऐसा किया.
अक्टूबर-नवंबर: असहिष्णुता का मुद्दा
धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के लिए मशहूर भारत में इस साल धार्मिक सहिष्णुता एक बड़ा मुद्दा बनी. लेखक एमएम कालबुर्गी, तर्कवादी सीपीआई नेता गोविंद पनसारे और गाजियाबाद में मोहम्मद अखलाख की हत्या से साफ हुआ कि कुछ कट्टर हिन्दूवादी ताकतें समाज पर अपना नजरिया थोपना चाहती हैं.
दो नवंबर: चीन ने पेश किया यात्री विमान
औद्योगिक देशों के समकक्ष पहुंचने की चीन की कोशिशों को उस वक्त एक जबरदस्त कामयाबी मिली जब चीनी कंपनी कमर्शियल एयरक्रॉफ्ट कॉरपोरेशन ने दुनिया के सामने अपना पहला यात्री विमान पेश किया. यह डबल इंजन विमान 168 यात्रियों को 5,555 किलोमीटर की दूरी तक ले जा सकता है.
आठ नवंबर: आंग सान सू ची की जीत
म्यांमार में पहली बार हुए स्वतंत्र संसदीय चुनावों में नेशनल लीग फॉर डेमोक्रैसी ने पूर्ण बहुमत पाया. नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची की ये पार्टी 1990 में हुए आखिरी चुनावों में भी जीत हासिल की थी. लेकिन तब सैन्य शासन ने उसे नहीं माना था और उन्हें 15 साल तक नजरबंद कर दिया.
दिसंबर: दिल्ली और बीजिंग बेहाल
पहली बार चीन की राजधानी बीजिंग में स्मॉग का रिकॉर्ड स्तर मापा गया. भारत की राजधानी नई दिल्ली का भी यही हाल हुआ. वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली दुनिया का सबसे ज्यादा गंदा शहर बन गया. दिल्ली में हवा साफ करने के लिए अब कई कड़े फैसले लिए जा रहे हैं.