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एशियाड में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

२७ नवम्बर २०१०

एशियाई खेलों में भारत ने अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 14 स्वर्ण पदक जीत लिए, जबकि कुल पदकों की संख्या 64 पहुंच गई. आखिरी दौर में मुक्केबाजी और कबड्डी में भारत ने मैदान मार लिया. शुक्रवार भारत का सबसे सफल दिन रहा.

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तस्वीर: AP

शुक्रवार को मानो भारत के लिए पदकों की बरसात हो गई. चार स्वर्ण पदक सहित कुल 11 मेडल झोली में आए और इस तरह भारत के कुल पदकों की संख्या 64 पहुंच गई. वह पदक तालिका में उछल कर छठे नंबर पर पहुंच गया. इसमें 14 स्वर्ण, 17 रजत और 33 कांस्य पदक शामिल हैं. एशियाई खेलों में यह भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है.

इससे पहले 1982 के दिल्ली एशियाड में भारत ने 13 स्वर्ण पदक जीते थे. तब उसे कुल 57 पदक मिले थे, जबकि पिछली बार दोहा के एशियाई खेलों में भारत को 10 स्वर्ण सहित 53 गोल्ड मेडल मिले थे.

चीन के ग्वांगझो शहर में चल रहे एशियाई खेलों के आखिरी दिन अब कुछ ही स्पर्धाएं बाकी बची हैं, जिनमें मैराथन रेस प्रमुख है. हालांकि भारत को महिला वॉलीबॉल से पदक की उम्मीद है. मेजबान चीन 197 स्वर्ण और 117 रजत के साथ कुल 412 पदक बटोर कर पहले नंबर पर है, जबकि 74 स्वर्ण के साथ दक्षिण कोरिया दूसरे और 47 गोल्ड के साथ जापान तीसरे नंबर पर है.

भारतीय पुरुष टीम ने लगातार छठी बार कबड्डी का स्वर्ण पदक जीता, जबकि महिला कबड्डी टीम ने भी सोने पर निशाना साधा. कॉमनवेल्थ में गोल्ड से चूके विजेंदर ने एशियाई में बॉक्सिंग का स्वर्ण लिया, जबकि एथलेटिक्स में भी भारत को सोना मिला. महिलाओं की 4x400 मीटर रिले रेस भारत के नाम रही.

लंबी दूरी की दौड़ाक प्रीजा श्रीधरन ने 5000 मीटर की दौड़ में रजत और कविता राउत ने कांस्य पदक जीता. हालांकि 10,000 में प्रीजा स्वर्ण जीत चुकी हैं. भारत को कुछ अप्रत्याशित पदक भी मिले, जिसमें अनूप कुमार के स्केटिंग का कांस्य शामिल है.

कबड्डी में भारत ने ईरान की टीम को एकतरफा मुकाबले में 37-20 से पटखनी दे दी और अपना वर्चस्व कायम रखा. 1990 के बीजिंग एशियाड में पहली बार भारत को कबड्डी का स्वर्ण मिला और तब से हर बार सुनहरा तमगा भारत ही आ रहा है. महिला वर्ग में थाइलैंड को हरा कर भारत ने कबड्डी का सोना जीता.

दुनिया के पहले नंबर के मिडिलवेट बॉक्सर विजेंदर ने अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप स्वर्ण पदक हासिल किया. विजेंदर ने अब्बास अतायोव को 7-0 से हराया. साल भर पहले वर्ल्ड मुक्केबाजी चैंपियनशिप में विजेंदर को अतायोव से ही हार झेलनी पड़ी थी, जिसका बदला उन्होंने ले लिया. हालांकि वी संतोष कुमार और मनप्रीत सिंह फाइनल में हार गए और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः वी कुमार

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