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एक हफ्ते में सीरिया में होगा 'पूर्ण संघर्षविराम'

आरपी/एमजे (एएफपी,डीपीए)१२ फ़रवरी २०१६

विश्व की प्रमुख सत्ताओं ने एक सप्ताह के भीतर सीरियाई युद्ध को रोकने के लिए सहमति बना ली है. इसके अलावा वहां फंसे लोगों को मानवीय मदद पहुंचाने और सीरिया शासन और विपक्ष के बीच वार्ता शुरु कराने का भी लक्ष्य है.

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तस्वीर: picture-alliance/AA/L. Barth

जर्मन शहर म्यूनिख में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की मुलाकात से सीरिया की स्थिति के बदलने की नई आशा जगी है. सीरियाई संकट का राजनयिक तोड़ निकालने और वहां पूर्ण संघर्ष विराम के लिए प्रयास करने पर सभी पक्षों ने सहमति जताई है. कैरी ने इस समझौते को "महात्वाकांक्षी" बताया है तो वहीं रूस के साथ करीब एक दर्जन वैश्विक शक्तियों के साथ आने से एक हफ्ते में सीरिया में "पूर्ण संघर्ष विराम" लागू किए जाने की उम्मीद जगी है. केरी ने भी माना कि समझौते की असली परीक्षा तो उसे लागू किए जाने में ही सामने आएगी.

लावरोव और सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि स्ताफान दे मिस्तुरा ने बताया कि वार्ता में शामिल सभी पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि सीरियाई सरकार और विपक्ष को आपस में बातचीत करनी होगी. पिछले हफ्ते ये वार्ता शुरु हो सकती थी लेकिन विपक्ष ने उससे पहले बहुत सी शर्तें रख दी थीं. उन्होंने रूसी बमबारी को तुरंत रोकने, मानवीय मदद का रास्ता खोलने और बंधकों की तुरंत रिहाई की मांग रखी थी. शर्तें न मानी जाने पर वार्ता रद्द हो गई थी और रूसी हवाई हमलों का समर्थन पा रहा सीरियाई शासन अलेप्पो जैसे शहरों में काफी बढ़त बनाता गया.

रूस और अमेरिका में एक तरह के समझौते के बावजूद इसे लागू किए जाने की समय सीमा पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं. लावरोव ने साफ किया कि कोई तारीख तय करने के बजाए शत्रुता और संघर्ष को रोकने के "तौर तरीके" अपनाए जाएं और एक सप्ताह के भीतर मानवीय सहायता पहुंचाने की कोशिश की जाए.

लावरोव ने सीरियाई विपक्ष पर अब तक कोई सकारात्मक भूमिका ना निभाने का आरोप लगाया. लावरोव का मानना है कि सीरिया के असद शासन के साथ विपक्ष को बिना शर्त बातचीत करने के लिए तैयार होना चाहिए. रूस पहले भी कह चुका है कि इन वार्ताओं में सीरिया के ज्यादा से ज्यादा विपक्षी गुटों को शामिल करना चाहिए, जिनमें कुर्द लड़ाके भी शामिल हैं.

Türkisch-syrische Grenze Hilfslieferungen für syrische Flüchtlinge
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Kilic

रूस ने सीरिया में सऊदी अरब और तुर्की समर्थित समूहों की मौजूदगी पर सख्त ऐतराज जताते हुए उन्हें आतंकवादी करार दिया है. ये कहना मुश्किल है कि इस्लामिक स्टेट और अल कायदा समर्थित अल-नुसरा फ्रंट के अलावा कौन सी आतंकी ताकतें सीरिया में सक्रिय हैं. लावरोव ने दोहराया कि सीरिया में इन आतंकी गुटों के खिलाफ रूस अपनी हवाई कार्रवाई जारी रखेगा. म्यूनिख सुरक्षा वार्ता में हिस्सा ले रहे जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने कहा है कि यह समझौता कितना बड़ा है इसका पता आने वाले कुछ ही दिनों में लग जाएगा.