एक साल में 94 विमान हवा में टकराने से बचे
विमान नियामक डीजीसीए ने एक आरटीआई में बताया है कि साल 2018 के दौरान भारतीय एयरस्पेस में करीब 47 बार "नियर-मिस" की स्थिति बनी. नियर मिस मतलब जब दो विमान सुरक्षित फासले से ज्यादा करीब आ जाते हैं.
क्या है नियर मिस
नियर-मिस का मतलब जब दो हवाई जहाज सुरक्षित फासले से ज्यादा पास आ जाते हैं तो यह स्थिति नियर-मिस कहलाती है. आमने-सामने की स्थिति में 40 सेकंड का समय और ऊपर-नीचे के एयर रूट में 1000 फीट की खड़ी दूरी (ऊंचाई) को सुरक्षित माना जाता है. इससे ज्यादा नजदीक आने की स्थिति को नियर-मिस कहा जाता है.
हादसे होते-होते बचे
अगर नियर मिस की स्थिति किसी दुर्घटना में बदलती तो 94 हवाई जहाज आपस में टकरा सकते थे. अगर एक हवाई जहाज में यात्रियों की औसत संख्या 150-160 भी मानी जाए तो लगभग 15,000 लोग ऐसी दुर्घटनाओं का शिकार हो सकते थे. बड़े हवाई जहाजों में 300-400 यात्री तक हो सकते हैं.
साल दर साल इजाफा
आउटलुक पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट में डीजीसीए के हवाले से कहा गया है कि साल 2017 की तुलना में 2018 में नियर मिस की स्थिति में 68 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. साल 2012 में 18, 2013 में 23, 2014 में 33, 2015 में 25, 2016 में 32, 2017 में 28 और 2018 में 47 बार नियर मिस की स्थिति बनी.
वैश्विक औसत से कम
हालांकि भारत का यह आंकड़ा विश्व के औसत से कम है. भारत में हर एक लाख फ्लाइटों पर 1.3 फ्लाइटों का नीयर-मिस का औसत है. जबकि वैश्विक औसत एक लाख पर 4.43 फ्लाइटों के करीब है.
नियर मिस का कारण
नियर मिस का कारण एयर ट्रैफिक कंट्रोलर का अप्रशिक्षित होना, पायलट का निर्देश ना समझ पाना और एयरस्पेस में बढ़ रही फ्लाइट्स की संख्या को माना जा सकता है.
बचने के तरीके
नियर मिस को टालने के लिए हवाई जहाज में ट्रैफिक कॉलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (TCAS) लगा होता है. जब दो जहाज एक दूसरे के सामने आते हैं तो एक निश्चित दूरी रहने के बाद टीसीएएस एक्टिव हो जाता है. यह कॉकपिट में एक हवाई जहाज के पायलट को ऊपर की तरफ बढ़ने का सिग्नल देता है और दूसरे हवाई जहाज के पायलट को नीचे की तरफ जाने का संकेत देता है.
सिग्नल का मतलब
सिग्नल के बाद दोनों हवाई जहाजों का रास्ता अलग हो जाता है और टक्कर टल जाती है. फिर एटीसी के निर्देश के हिसाब से वो अपना एयर रूट अपना लेते हैं. 2018 में कई बार हवा में विमानों के आमने-सामने आ जाने की खबरें सामने आई थीं.
ऐसे-कुछ विमान
जनवरी में दुबई से सिंगापुर और हैदराबाद से रायपुर जा रहे विमानों का आमने-सामने आना और बेंगलुरू एयरस्पेस में दो हवाई जहाजों का बस 250 मीटर की दूरी से टकराने से बचना प्रमुख हैं.
टकरा गए विमान
1996 में हरियाणा के चरखी-दादरी से गुजर रहे सउदी अरब एयरलायंस और कजाखस्तान एयरलायंस के विमान हवा में आपस में टकरा गए थे. इस हादसे में 349 लोग मारे गए थे. इसका कारण कजाखस्तान एयरलांयस के विमान का खराब मौसम और कम्युनिकेशन में समस्या के चलते एटीसी के निर्देशों का पालन ना कर पाना माना गया था. (सांकेतिक तस्वीर)