एक्शन से एनिमेशन तक
१० फ़रवरी २०१४अंतरराष्ट्रीय सिनेमा सीन में हिंसा बहुत पसंद की जाती है. बर्लिनाले पहुंचे फिल्म व्यापारी अपने देश के लिए एक्शन फिल्मों की मांग कर रहे हैं और साथ ही परिवार के साथ देखी जा सकने वाली एनिमेशन फिल्मों की भी. कम से कम एशियाई प्रदर्शकों को तो बर्लिनाले के यूरोपीय फिल्म मार्केट (ईएफएम) में यही महसूस हुआ. यह दुनिया के सबसे अहम फिल्म व्यापार मेलों में शामिल है. 100 देशों के करीब 7,600 फिल्म व्यापारी यहां पहुंचे हैं, फिल्मों की खरीद फरोख्त के लिए, बिलकुल किसी बाजार की तरह.
इस व्यापार में एशिया की भूमिका अहम है, खासकर चीन की. चीन में फिल्म देखने वाले लोगों की संख्या 28 फीसदी बढ़ गई है. ड्रिस्ट्रीब्यूशन वर्कशॉप की वर्जीनिया लेउंग बताती हैं, "चीन में और ज्यादा लोग फिल्में देखने जा रहे हैं, हर दिन नए सिनेमाघर बनाए जा रहे हैं. नई फिल्मों के लिए पैसे जमा करना आसान नहीं. अगर फिल्म की स्क्रिप्ट पर सेंसर लग जाए तो भी पैसे पानी में." यह कंपनी हॉन्ग कॉन्ग में फिल्में बनाती है. बर्लिन में लेउंग द टेकिंग ऑफ टाइगर माउंटेन नाम की एक्शन फिल्म बेचना चाहती हैं.
एक्शन फिल्मों की कोई सीमा नहीं होती, किसी भी देश के लोग इसे समझ सकते हैं. उसके विपरीत कॉमेडी बेचना मुश्किल है क्योंकि हर देश का और भाषा का अपना अलग सेंस ऑफ ह्यूमर होता है. चीनी मजाक अफ्रीका में भी समझ में आएगा जरूरी नहीं.
गोल्डन नेटवर्क एशिया के काउंटर पर खड़े हो कर ये समझ में आता है कि सिर्फ लड़ाई और गोलीबारी ही अंतरराष्ट्रीय बाजार को पसंद नहीं आती, बल्कि एनिमेशन में पेश किए जाने वाले अलग अलग प्यारे कलाकार भी पसंद किए जाते हैं. बच्चों के लिए बनी फिल्म बोंटा3डी इस साल की हिट है.
चीन में बनने वाली फिल्में भी लगातार अंतरराष्ट्रीय बाजार में आ रही हैं लेकिन इससे हॉलीवुड को खतरा इसलिए नहीं है, क्योंकि हॉलीवुड की फिल्में चीन में काफी पसंद की जाती हैं. हालांकि चीन में सीमित विदेशी फिल्में ही आती हैं. अमेरिकी फिल्मों को चीन में काफी पसंद किया जाता है. कोरिया में विदेशी फिल्मों के तहत अमेरिकी प्रोडक्शन काफी पसंद किया जाता है.
दूसरी फिल्में भी
फिल्मों के इस बाजार में सिर्फ एक्शन और एनिमेशन नहीं है. कोरिया का नाइनर्स एंटरटेनमेंट अलग तरह की फिल्में दे रहा है. ताइवान का सेंट्रल मोशन पिक्चर्स कॉर्पोरेशन (सीएमपीसी) कई तरह की फिल्में लेकर आया है. यह कंपनी पुरानी फिल्मों का डिजिटलाइजेशन कर रही है. इसने 1994 में बनी एंग ली की फिल्म ईट ड्रिंक मैन वीमन को डिजिटलाइज किया है. कंपनी की एंगा चांग कहती हैं, "हम चीनी बोलते हैं लेकिन हमारा तरीका अलग है. हम यूरोपीय फिल्में ज्यादा पसंद करते हैं."
इस साल के बर्लिनाले में देखा जा सकता है कि चीनी फिल्मों में भी क्रूरता और हिंसा या स्वीट एनिमेशन के अलावा बहुत कुछ है.
रिपोर्टः सुजाने डीकेल/आभा मोँढे
संपादनः महेश झा