उलझे धागों को सुलझाने की कोशिश
बॉन में जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई. जुलाई में जी20 शिखर सम्मेलन से पहले जर्मन अध्यक्षता के एजेंडे पर विभिन्न मंत्रियों के स्तर पर चर्चा की जा रही है. इस बैठक के मुद्दे थे टिकाऊ विकास और शांति स्थापना.
मेजबान
जर्मनी इस साल जी20 का मेजबान है. हाल ही में विदेश मंत्री बने एसपीडी नेता जिगमार गाब्रिएल ने जर्मनी की पूर्व राजधानी बॉन में हुई बैठक की मेजबानी की.
बीस सदस्य
जी20 में 19 देश और यूरोपीय संघ सदस्य हैं. इस बार संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के अलावा पांच देशों और संगठनों के प्रतनिधियों को मेहमान के तौर पर बुलाया गया था.
नए का इंतजार
बैठक का मुद्दा भले ही विकास और शांति रहा हो, विदेश मंत्रियों की चिंता अमेरिका को समझने में थी. कारोबार से राजनीति में आये रेक्स टिलरसन कूटनीति के पेशे में नए हैं.
मुश्किल रिश्ते
यहां अमेरिका के विदेश मंत्री टिलरसन और रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव की पहली मुलाकात हुई. विश्व शांति का दारोमदार बहुत कुछ अमेरिका और रूस के रिश्तों पर है.
सजग कोशिश
टिलरसन और लावरोव ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस तो नहीं की लेकिन अलग अलग कॉन्फ्रेंसों में उन्होंने एक ही बात कही. दोनों देश में फिलहाल कभी दोस्ती कभी तकरार रहेगी.
ब्रेक्जिट का भूत
ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन में सबकी दिलचस्पी थी. वे ब्रेक्जिट समर्थकों में शामिल रहे हैं और अब उनपर ब्रिटेन को ईयू से सुरक्षित बाहर निकालने की जिम्मेदारी है.
सऊदी का महत्व
मध्यपूर्व में शांति के लिए सऊदी अरब का योगदान महत्वपूर्ण है. सऊदी विदेश मंत्री की भी बैठक में काफी पूछ रही. अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ अलग भेंट भी हुई.
भारत का प्रतिनिधित्व
भारत ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जगह राज्य मंत्री एमजे अकबर को बॉन भेजा. उन्हें बॉन में जॉनसन और एरो जैसे पुराने दोस्त मिले तो कुछ से नई दोस्ती हुई.
नया ध्रुव
बैठक में चीन के विदेश मंत्री की खासी पूछ रही. चीन डॉनल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नया ध्रुव बनकर उभर रहा है.
विरोध का हक
वामपंथी गुटों ने बैठक के मौके का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन के लिए भी किया. उन्हें आयोजन स्थल के करीब विरोध प्रदर्शन का मौका भी दिया गया.
पर्यावरण की पुकार
पर्यावरण संगठन ग्रीनपीस ने भी जी20 बैठक के आयोजनस्थल के करीब राइन नदी में नावों और जहाज के साथ विरोध प्रदर्शन किया.
सख्त सुरक्षा
सम्मेलनस्थल के बाहर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था. बॉन के लिए यह राजधानी का दर्जा खोने के बाद पहली बड़ी कॉन्फ्रेंस थी.
पिछड़ा अफ्रीका
जी20 के सदस्यों में एक तो यूरोपीय संघ है और बाकी 19 सदस्यों में ज्यादातर अमेरिका और एशिया से हैं. जर्मन अध्यक्षता में अफ्रीका पर खासा ध्यान दिया जा रहा है.
पीछे है भारत
जी20 के देशों में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के मामले में भारत करीब 1600 डॉलर के साथ सबसे पीछे हैं. सबसे आगे लगभग 56,000 डॉलर के साथ अमेरिका है.