उम्मीदवारी खारिज किए जाने से हावर्ड नाराज़
१ जुलाई २०१०आईसीसी बोर्ड की सिंगापुर में हुई बैठक में बोर्ड के दस सदस्य देशों में से सात ने जॉन हावर्ड के मनोनयन को ठुकराते हुए आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड से कहा था कि वे किसी दूसरे उम्मीदवार को मनोनीत करें. पता चला है कि आस्ट्रेलियाई बोर्ड के अध्यक्ष जैक क्लार्क इसी हफ़्ते इस सिलसिले में बोर्ड के सदस्यों से बात करेंगे. काफ़ी संभव है कि हावर्ड का नाम फिर से भेजा जाए, हालांकि यह इस पर भी निर्भर करता है कि न्यूज़ीलैंड इस विवाद को आगे बढ़ाने के लिए तैयार होगा या नहीं.
ठुकराए जाने के बाद भी जॉन हावर्ड ने कहा है कि उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस नहीं ली है. वे मनोनीत उम्मीदवार हैं और अपनी उम्मीदवारी वापस नहीं लेंगे.
बारी-बारी से हर देश के प्रतिनिधि आईसीसी के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष चुने जाते हैं. इस बार उपाध्यक्ष पद के लिए आस्ट्रेलिया की बारी थी, और चुने जाने पर जॉन हावर्ड सन 2012 में शरद पवार के स्थान पर अध्यक्ष बनते. लेकिन आस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड व इंग्लैंड के अलावा किसी भी देश ने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन नहीं किया. इसके बाद आईसीसी बोर्ड ने मतदान कराए बिना ही आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड से कहा कि वे हावर्ड के स्थान पर किसी दूसरे उम्मीदवार को मनोनीत करें.
प्रधान मंत्री के रूप में जॉन हावर्ड ज़िम्बाबवे के नेता रॉबर्ट मुगाबे की कड़ी आलोचना करते रहे हैं, इसके अलावा सन 2007 में आस्ट्रेलियाई टीम का ज़िम्बाब्वे दौरा रद्द कर दिया गया था. आईसीसी के सूत्रों का कहना है कि हावर्ड की उम्मीदवारी ख़ारिज कराने में भारत की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है. अगर भारत उनका समर्थन करता तो वे चुन लिए जाते. इस सिलसिले में एक भारतीय अधिकारी का कहना था कि वे हावर्ड के ख़िलाफ़ नहीं हैं, लेकिन उनकी राय में क्रिकेट की दुनिया से बाहर के किसी व्यक्ति को नहीं चुनना चाहिए. जॉन हावर्ड का अब तक अपने देश आस्ट्रेलिया में भी क्रिकेट प्रशासन से कोई संबंध नहीं रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: महेश झा