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उत्तर कोरिया के लिए बुलहॉर्न बजाया अमेरिकी कमांडरों ने

२१ जुलाई २०१०

दक्षिण कोरिया के साथ एक संयुक्त युद्ध अभ्यास की जानकारी उत्तर कोरिया को देने के लिए अमेरिकी कमांडरों ने बुलहॉर्न का इस्तेमाल किया. उत्तर कोरिया के फोन नहीं उठाने पर कमांडरों ने लगाई तरकीब.

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हिलेरी दक्षिण कोरिया मेंतस्वीर: AP

दक्षिण कोरिया और अमेरिकी कमांडरों की जब उत्तर कोरिया को संयुक्त युद्धाभ्यास के बारे में बताने की सारी कोशिशें नाकाम रहीं तो उन्हें यही उपाय सूझा. दक्षिण कोरिया के साथ इस युद्धाभ्यास में करीब 20 युद्धक जहाज़, 200 विमान और 800 सैनिक शामिल हो रहे हैं. 1953 में शीतयुद्ध खत्म होने के बाद से ही उत्तर कोरिया के साथ लगती इस सीमा पर अमेरिकी नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र की सेना तैनात है.

संयुक्त राष्ट्र की सेना ने चीन, रूस और जापान को भी 25-28 जून के बीच होने वाले युद्धाभ्यास की जानकारी दे दी है. उत्तर कोरिया को जानकारी देना ज्यादा जरूरी इसलिए है कि पिछले दिनों दक्षिण कोरिया के एक जहाज़ को टारपीडो से हमला कर डुबो दिया गया. इस हमले का आरोप उत्तर कोरिया पर है. हालांकि वो इस बात से इंकार करता है लेकिन पहले से तनावपूर्ण चल रहे दक्षिण कोरिया के साथ उसके रिश्ते जहाज़ डूबने के बाद और तल्खी से भर गए. हालांकि अमेरिका और दक्षिण कोरिया इस युद्धाभ्यास को पूरी तरह से सुरक्षात्मक कार्रवाई बताते हैं लेकिन उत्तर कोरिया इसे हमले की तैयारी कहता है.

Warten auf die nächsten Raketen
तनावग्रस्त कोरियाई सीमातस्वीर: AP

युद्धाभ्यास से ठीक पहले अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन रक्षामंत्री रॉबर्ट गेट्स के साथ इलाके के दौरे पर हैं. हिलेरी सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के साथ ही दक्षिण कोरिया के साथ रक्षा मामलों पर भी बातचीत करेंगी. उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की ये सीमा दुनिया में सबसे ज्यादा फौजों की मौजूदगी वाले इलाके में से एक है. दोनों देशों के बीच चली आ रही जंग तो साठ साल पहले खत्म हो गई लेकिन आपसी रिश्ते आज तक नहीं सुधरे. इसकी वजह ये है कि दोनों मुल्कों के बीच जंग तो रोक दी गई लेकिन कोई शांति समझौता नहीं हुआ.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन

संपादनः महेश झा