उत्तर कोरिया के परीक्षणों के बाद सुरक्षा परिषद में बैठक
१ अगस्त २०१९बुधवार को उत्तर कोरिया के मीडिया ने दावा किया कि उनके शासक किम जोंग उन ने "नए किस्म के लार्ज कैलिबर मल्टीपल-लॉन्च गाइडेड रॉकेट सिस्टम का परीक्षण" देखा. सरकारी टेलिविजन ने एक वाहन से रॉकेट के प्रक्षेपण का वीडियो दिखाया.
इस टेस्टिंग से छह दिन पहले भी उत्तर कोरिया ने छोटी दूरी तक मार करने वाली दो बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था. 30 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और किम जोंग उन की मुलाकात के बाद वह पहला रॉकेट टेस्ट था. उत्तर और दक्षिण कोरिया की सीमा पर विसैन्यीकृत क्षेत्र में ट्रंप और किम के बीच परमाणु निशस्त्रीकरण पर बातचीत बहाल करने को लेकर चर्चा हुई. हंसते मुस्कुराते काफी तस्वीरें भी खींची गईं.
मुलाकात के बाद किए गए मिसाइल परीक्षणों के जरिए उत्तर कोरिया पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया और अमेरिका पर दबाव बनाना चाहता है. विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तर कोरिया चाहता है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया अगस्त में होने वाला साझा सैन्य अभ्यास न करें. अमेरिका ने सैन्य अभ्यास में किसी तरह के बदलाव से इनकार किया है.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन ने फॉक्स बिजनेस न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में कहा, "इन मिसाइलों का प्रक्षेपण उस वादे को नहीं तोड़ता है जो अंतरमहाद्वीपीय रेंज की बैलेस्टिक मिसाइलों को लेकर किम ने राष्ट्रपति से किया है."
लेकिन निशस्त्रीकरण वार्ता को लेकर संशय बॉल्टन ने भी जताया, "आपको पूछना होगा कि कब असली कूटनीति शुरू होगी, कब परमाणु निशस्त्रीकरण को लेकर अधिकारियों के स्तर पर वार्ताएं शुरू होंगीं."
मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर विपिन नारंग मानते हैं कि इन मिसाइल टेस्टों के जरिए किम अपनी कूटनीति की स्टाइल दिखा रहे हैं, "वह कह रहे हैं कि चीजों को आगे बढ़ाने के लिए फोटो खिंचवाने से ज्यादा प्रयास करने होंगे."
एक बात साफ है कि अमेरिका और उसके साझेदार जब तक उत्तर कोरिया के साथ समझौता करने में नाकाम रहेंगे तब तक किम अपनी सैन्य क्षमताओं को धारदार बनाते रहेंगे. उत्तर कोरिया द्वारा जारी तस्वीरों और दक्षिण कोरियाई इंटेलिजेंस की रिपोर्टों के मुताबिक प्योंगयांग के पास हथियारों का बड़ा जखीरा है. उत्तर कोरिया की सेना के पास करीब 5,500 मल्टीपल-रॉकेट लॉन्च सिस्टम, 8,600 फील्ड गन, 4,300 टैंक और 2,500 बख्तरबंद गाड़ियां हैं. हाल में टेस्ट की गई मिसाइलें नए किस्म की है. विशेषज्ञों के मुताबिक इनका पता करना आसान नहीं होगा.
ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट से नाराज हैं और उसे सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का हनन मानते हैं. गुरुवार को तीनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है. अधिकारियों के मुताबिक बैठक में उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्टों पर चर्चा की जाएगी.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंटोनियो गुटेरेश का मानना है कि ये परीक्षण, इस बात की याद दिला रहे हैं कि कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निशस्त्रीकरण की बातचीत फिर से शुरू करना कितना अहम है."
ओएसजे/एमजे (एपी, रॉयटर्स)
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(कोरिया को बांटने वाली जंग)