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उग्रपंथी हमले में एक जर्मन पुलिसकर्मी की मौत

२० अक्टूबर २०१६

जर्मनी में एक पुलिस टीम पर हुए हमले के बाद एक पुलिसकर्मी मारा गया है. गोलियां राइषबुर्गर आंदोलन के एक सदस्य ने चलाई थी, जो वर्तमान जर्मन राज्य के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करते और खुद को जर्मन राइष का नागरिक मानते हैं.

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Bayern Franken Georgensgmünd "Reichsbürger" schießt auf Polizisten
तस्वीर: picture-alliance/dpa/N. Armer

मामला सीधा सादा था. पुलिस बवेरिया के गियॉर्गेंसग्मुंड में तलाशी के लिए गई थी. लेकिन घर के मालिक 49 वर्षीय उग्रपंथी  ने गोलियां चला दी और चार पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया. उनमें से एक गंभीर रूप से घायल 32 वर्षीय पुलिसकर्मी  की मौत हो गई है. घायलों में एक और पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल है जबकि दो को मामूली चोटें लगी हैं.

संदिग्ध हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. उसे गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा. उसके खिलाफ हत्या की कोशिश की जांच चल रही है. हमलावर शिकारी है और अपने को राइषबुर्गर कहता है. उसके पास 31 छोटे और बड़े हथियार हैं जिनके लिए उसे लाइसेंस मिला हुआ था. लेकिन अधिकारी उसे भरोसेमंद नहीं मानते, इसलिए उससे हथियार जब्त करने पुलिस टीम को भेजा गया था. इस छापे से पहले अधिकारियों ने उसके शिकारी लाइसेंस और हथियार रखने के लाइसेंस को रद्द कर दिया था.

Reichsbürger Flagge
मकान के बाहर राइषबुर्गर झंडातस्वीर: Picture-Alliance/dpa/N. Armer

राइषबुर्गर आंदोलन के सदस्य संघीय जर्मन गणराज्य को मान्यता नहीं देते. उनका दावा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के साथ खत्म हुआ जर्मन राइष खत्म नहीं हुआ है और वह अभी भी अस्तित्व में है. वे जर्मन संविधान, सरकारी दफ्तरों और अदालतों को भी वैध नहीं मानते और सरकारी आदेशों को स्वीकार नहीं करते. जर्मनी की घरेलू खुफिया एजेंसी के अनुसार उनके कई कार्यकर्ता उग्र दक्षिणपंथी गुटों में भी सक्रिय हैं. सांसद श्टेफान मायर ने आंदोलन के सदस्यों पर खुफिया निगरानी की वकालत करते हुए कहा है कि ये अजीबोगरीब सिद्धांत मानने वाले कुछ सरफिरों का मामला नहीं है, हम ऐसे लोगों की बात कर रहे हैं जो गंभीर बर्बरता में सक्षम हैं.

एमजे/एके (डीपीए)