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ई बाइक: शान और आराम की सवारी

५ जून २०१४

इलेक्ट्रॉनिक साइकिल या ई बाइक साइकिलिंग को आसान बनाने का नया तरीका है. साइकिल चलाने के लिए पैडल तो मारने पड़ते हैं लेकिन बैटरी होने के कारण चढ़ाई में आसानी होती है.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

यूरोप में लोग निजी कार या फिर मोटरसाइकिल चलाने के बजाए साइकिल चलाना ज्यादा पसंद करते हैं. साइकिल चलाकर वे अपनी मंजिल तक तो पहुंचते ही हैं, साथ ही पर्यावरण का भी ध्यान रखा जाता है और सेहत का भी. साइकिल के बाद ई बाइक का क्रेज बढ़ रहा है. कई लोगों ने सवाल करना शुरू कर दिया है कि क्या ई बाइक कार की जगह ले सकती है. मथियास ब्लूमेल ने म्यूनिख के पास ई बाइक बनाने की फैक्ट्री खोली है और उन्हें नहीं लगता कि ई बाइक की तुलना कार से करना ठीक है. फैक्ट्री खोलने के बारे में वह बताते हैं, "मैं हमेशा साइकिल बनाना चाहता था, ये मेरा जुनून है. बचपन से ही मैं साइकिल रेसों में हिस्सा लेता रहा हूं और इसी दिशा में कुछ करना चाहता था."

2009 में उन्होंने अपनी दोस्त की ई बाइक की सवारी की. लेकिन उन्हें उसका मॉडल पसंद नहीं आया. तब उन्होंने सोचा कि क्यों न खुद ही कुछ बना लिया जाए. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले मथियास ने मशीन और उसकी तकनीक पर लंबे समय काम किया. इसके लिए उन्हें 2013 में बवेरिया राज्य की सरकार ने पुरस्कार भी दिया.

बैटरी का करिश्मा

सामान्य तौर पर ई बाइक का वजन 25 से 30 किलो होता है. लेकिन 16 किलो की मथियास की ई बाइक काफी हल्की है. मोटर बैटरी से चलती है, अगर पहाड़ी पर जाना हो तो बटन दबाने पर या पैडल पर पैर रखने से इंजन चालू हो जाता है. ई बाइक विशेषज्ञ ब्योर्न गैर्टाइस के मुताबिक, "इस ई बाइक की विशेषता इसकी बैटरी है. बिना बैटरी के आप इसे नहीं चला सकते." चार्ज करने में दो से चार घंटे लगते हैं. उसके बाद यह कम से कम 40 किलोमीटर चलती है.

इस ई बाइक को चार्ज करने के दस से बीस सेंट लगते हैं यानि करीब आठ से सोलह रुपये. पहली पीढ़ी की ई बाइक की तुलना में यह मॉडल काफी अलग है. इसे ईरानी मूल के एक जर्मन आर्किटेक्ट हादी तेहरानी ने डिजाइन किया है. डिजाइन तैयार होने में साल भर लग गया. हैम्बर्ग के तेहरानी कहते हैं कि वे साइकिल और मोटरसाइकिल का मिश्रण नहीं बनाना चाहते थे, "मैंने सोचा कि यह एक साइकिल ही होनी चाहिए. एक शालीन और छोटी साइकिल जहां मोटर आगे के पहिये में लगी हुई हो." ई बाइक में लगी बैटरी को निकाल भी सकते हैं क्योंकि यह छोटी है. ज्यादातर ई बाइक 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं. इससे तेज चलने वाली गाड़ी के लिए लाइसेंस की जरूरत है.

रिपोर्ट: किर्स्टीन शूमन/एए

संपादन: ईशा भाटिया