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ईरान में पेट्रोलियम के विशाल भंडार की खोज

११ नवम्बर २०१९

ईरान में एक नए तेल भंडार का पता चला है जहां 50 अरब बैरल से ज्यादा पेट्रोलियम मौजूद है. क्षमता के लिहाज से यह ईरान का दूसरा सबसे बड़ा तेल भंडार होगा.

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Iran Präsident Hassan Rohani in Yazd
तस्वीर: IRNA

ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने रविवार को इस नए तेल भंडार की खोज का एलान किया. उन्होंने बताया कि देश में मौजूद तेल का ज्ञात भंडार अब इस खोज के बाद करीब एक तिहाई बढ़ गया है. हालांकि हसन रोहानी का यह एलान ऐसे वक्त में आया है जब ईरान अमेरिकी प्रतिबंधों के साए में अपना तेल बेचने के लिए संघर्ष कर रहा है. परमाणु करार से बाहर होने के बाद अमेरिका लगातार ईरान पर प्रतिबंधों का घेरा कस रहा है.

रोहानी ने यह एलान रेगिस्तानी शहर यज्द में एक भाषण के दौरान किया. उन्होंने बताया कि तेल का यह कुआं ईरान के दक्षिणी जुजेस्तारन प्रांत में है जहां ईरानी तेल उद्योग का गढ़ है. उन्होंने बताया कि ईरान के ज्ञात 150 अरब बैरल तेल भंडार में अब 53 अरब बैरल और जुड़ जाएंगे.

Iran Präsident Hassan Rohani in Yazd
तस्वीर: IRNA

रोहानी ने कहा, "मैं व्हाइट हाउस को बता रहा हूं कि जब तुमने ईरानी तेल की बिक्री पर प्रतिबंध लगा कर हमारे देश पर दबाव बढ़ा दिया है तब हमारे देश के प्यारे मजदूरों और इंजीनियरों ने एक बड़े कुएं से 53 अरब बैरल तेल की खोज की है."

यहां तेल का मतलब वह कच्चा तेल है जिसे धरती से निकालना आर्थिक रूप से मुमकिन है. तेल के अलग अलग मानकों के आधार पर भविष्य में आंकड़ों में बदलाव हो सकता है. हालांकि तेल उत्पादक देशों के बीच तुलना के लिए यह एक आधार के रूप में हमेशा काम करेगा. वर्तमान में ईरान कच्चे तेल के भंडार के लिहाज से दुनिया का चौथा और प्राकृतिक गैस के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा देश है. इसके कई भंडार सतह से दूर फारस की खाड़ी में भी मौजूद हैं. इनका एक सिरा कतर से जा मिलता है. अहवाज में ईरान का सबसे बड़ा तेल भंडार है जहां करीब 65 अरब बैरल तेल मौजूद है. इसके बाद इस नए खोजे इलाके का नंबर आता है. करीब 2400 वर्ग किलोमीटर में फैले इस तेल भंडार में 80 मीटर की गहराई पर कच्चा तेल मिला है.

Iran Soroush Ölfeld
तस्वीर: Reuters/R. Homavandi

2015 में ईरान के साथ हुए परमाणु करार में अमेरिका के अलावा जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और चीन भी शामिल थे. ये देश इस समझौते को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि वे ऐसा कोई तरीका ढूंढ पाने में नाकाम रहे हैं जिससे कि ईरान अपना तेल दुनिया को बेच सके. ईरान से तेल खरीदने वाली किसी भी सरकार या कंपनी पर अमेरिका प्रतिबंध लगा देता है. अमेरिकी धमकियों और प्रतिबंधों के कारण ईरान के साथ अरबों डॉलर के व्यापारिक करार खटाई में पड़ गए हैं. इनका असर ईरान की मुद्रा रियाल पर भी पड़ा है और उसकी कीमतें लगातार कम हो रही हैं.

ईरान ने इसका जवाब यूरेनियम संवर्धन की सीमा बढ़ा कर दिया है. उसने करार में शामिल शर्तों को तोड़ कर यूरेनियम का संवर्धन तेज कर दिया है. बीते हफ्ते ईरान ने फोर्दो के भूमिगत परमाणु संयंत्र के सेंट्रीफ्यूजों में यूरेनियम गैस डालना भी शुरू कर दिया.

ईरान पर जिस वक्त अमेरिका ने प्रतिबंधों की सख्ती बढ़ाई उसी वक्त सऊदी अरब के तेल टैंकरों पर अज्ञात लोगों ने हमले किए. अमेरिका ने इसका आरोप भी ईरान पर लगाया लेकिन ईरान इससे इनकार करता है. हालांकि ईरान ने एक दूसरे मामले में अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने और तेल टैंकरों को रोकने की बात जरूर मानी है.

एनआर/आईबी (एपी)

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