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ईरान पर ईयू और कनाडा के नए प्रतिबंध

२७ जुलाई २०१०

यूरोपीय संघ और कनाडा ने ईरान पर और कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. नई पाबंदियां ईरान के तेल और गैस उद्योगों पर लगाई गई हैं. इन पाबंदियों की घोषणा के फौरन बाद ईरान ने बातचीत के लिए आगे आने की बात कही.

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तस्वीर: AP

यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को नए प्रतिबंधों को औपचारिक तौर पर स्वीकार कर लिया. कुछ ही घंटों के भीतर कनाडा ने भी ईरान पर ऐसी ही प्रतिबंधों का एलान कर दिया. ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम बंद करने से इनकार करने पर यूएन ने भी कड़ी पाबंदियां लगाई थीं. लेकिन यूरोपीय संघ और कनाडा की पाबंदियां यूएन से भी ज्यादा सख्त हैं.

अमेरिका ने भी ईरान पर ऐसे ही प्रतिबंध लगा रखे हैं. इसका मकसद ईरान पर दबाव बनाकर उसे बातचीत की मेज पर लाना है. यूरोपी संघ की विदेश मामलों की प्रमुख कैथरीन एशटन ने बताया, “आज हमने ईरान को सख्त संदेश भेजा है कि परमाणु कार्यक्रम हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है. हमारा मकसद यही है कि ईरान के नेतृत्व को यह बात समझाई जाए कि उसका हित बातचीत में ही है. क्योंकि प्रतिबंध अपने आप में कुछ हासिल नहीं कर सकते.”

इन प्रतिबंधों की घोषणा के कुछ देर बाद ही ईरान की तरफ से ऐसा बयान आया कि वह बिना शर्त बातचीत के लिए तैयार है. वहां की सरकारी समाचार एजेंसी ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी में ईरान के प्रतिनिधि के हवाले से कहा कि ईरान बिना शर्त बातचीत की मेज पर लौटने को तैयार है.

दूसरी तरफ ईरान ने इन प्रतिबंधों पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि प्रतिबंध कोई असरदार रास्ता नहीं हैं और इससे पश्चिम के साथ रिश्ते और उलझेंगे. ईरानी तेल मंत्री मसूद मीरकाजमी ने कहा कि इन प्रतिबंधों का देश के तेल उत्पादन पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि ईरान के ऊर्जा क्षेत्र में यूरोप की तेल कंपनियों की मौजूदगी ही नहीं है.

EU Aussenpolitik Catherine Ashton
कैथरीन एशटनतस्वीर: AP

नए प्रतिबंधों के मुताबिक ईरान के ऊर्जा क्षेत्र को किसी तरह की टेक्नॉलजी या सेवाएं उपलब्ध कराने पर पाबंदी होगी. जानकारों के मुताबिक इससे तेल शोधन और प्राकृतिक गैस निकालने और उसके उत्पादन पर असर हो सकता है. ऊर्जा क्षेत्र में नए निवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

ईरान कच्चा तेल पैदा करने वाला दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मुल्क है, लेकिन उसे अपनी जरूरतों का 40 फीसदी ईंधन बाहर से मंगाना पड़ता है क्योंकि उसके यहां कच्चे तेल की रिफाइनिंग के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.

नए प्रतिबंधों में ईरान के बैंकिंग सेक्टर को भी शामिल किया गया है. अब अगर वहां 40 हजार यूरो से ज्यादा का लेनदेन होता है तो उसके लिए यूरोपीय संघ की सरकारों की अनुमति लेनी होगी. यूरोपीय राजनयिकों के मुताबिक इन प्रतिबंधों से 41 व्यक्तियों और 22 सरकारी उपक्रमों पर असर पड़ेगा. इन सभी को नाम मंगलवार को यूरोपीय संघ के जर्नल में छापे जाएंगे.

कनाडा के विदेश मंत्रि लॉरेंस कैनन ने बताया कि उनके देश ने भी ईरान के ऊर्जा और बैंकिंग सेक्टर को निशाना बनाया है. इसके अलावा उसने केमिकल, बायोलॉजिकल और परमाणु क्षेत्र की गतिविधियों पर भी पाबंदी लगा दी है.

अमेरिका ने यूरोपीय संघ और कनाडा के इस कदम का स्वागत किया है. इस्राएल ने भी नए प्रतिबंधों पर खुशी जाहिर की है. ईरान कह चुका है कि अगर बैंकिंग लेन देन को लेकर उस पर प्रतिबंध लगाने वाले देशों के साथ हर तरह का व्यापार बंद कर दिया जाएगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ओ सिंह

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