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ईरान ने कहा, हमारे जहाजों को तेल तो भरने दो

६ जुलाई २०१०

ईरान का कहना है कि प्रतिबंधों की वजह से पश्चिमी देश उसके यात्री विमानों को ईंधन तक नहीं भरने दे रहे हैं. जर्मनी, ब्रिटेन और यूएई पर लगाए आरोप. एक ईरानी सांसद ने चेतावनी दी, जैसा करोगे, वैसा भरोगे.

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तस्वीर: picture alliance / dpa

पश्चिमी देशों के रुख़ की आलोचना करते हुए ईरानी एयरलाइन यूनियन के महासचिव मेहंदी अलीयारी ने कहा, ''पिछले हफ्ते से हमारे विमानों को जर्मनी, ब्रिटेन और यूएई में ईंधन देने से इनकार किया जा रहा है. यह अमेरिका के लगाए प्रतिबंधों की वजह से हो रहा है.'' तीनों देशों ने ईरान के आरोपों की पुष्टि नहीं की है. लेकिन अधिकारियों ने माना है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते निजी कंपनियां ईरानी विमानों को ईंधन देने से इनकार कर सकती हैं.

अलीयारी ने दावा किया है कि ईरान एयर और महान एयर को ईंधन भरवाने संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा, ''ईरान के यात्री विमानों को तेल देने से इनकार करना अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन है.'' इस बीच ईरान के एक सांसद हशमतुल्लाह फलाहतपिशेह ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह के कदमों को कड़ा जवाब दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ''ईरान भी बिल्कुल ऐसा ही करेगा. इन देशों के पानी के जहाजों और विमानों के साथ ऐसा ही सलूक किया जाएगा, जैसा ये देश हमारे साथ कर रहे हैं.''

ब्रिटिश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं है कि ईरान के फलां विमान को तेल नहीं भरने दिया गया. जर्मन परिवहन मंत्रालय ने भी ईंधन पर पांबदी के आरोप को खारिज किया है. जर्मनी का कहना है कि ईरान पर लगाए गए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों ने इस तरह का कोई जिक्र नहीं है, लिहाजा ईरान के यात्री विमानों के जर्मनी में ईंधन लेने की पूरी छूट है.

यूएई का कहना है कि वह ईरान के विमानों के साथ करार के तहत ही काम कर रहा है. अबु धाबी एयरपोर्ट के प्रवक्ता ने कहा, ''हमारा ईरान के यात्री विमानों के साथ करार है और हम उन्हें ईंधन भरने की अनुमति देते रहेंगे.''

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल