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इस्लामिक स्टेट का विस्तार

१२ अगस्त २०१४

इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया यानी आइसिस या इस्लामिक स्टेट के कट्टरपंथी सैनिक उत्तर इराक पर कब्जा कर रहे हैं. अमेरिका भी इन्हें हराने के लिए हमले शुरू कर चुका है. लेकिन क्या है इस्लामिक स्टेट?

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तस्वीर: picture-alliance/abaca

2003 में अमेरिका ने इराक के धर्मनिरपेक्ष तानाशाह सद्दाम हुसैन को सत्ता से हटाया. सद्दाम हुसैन की बाथ पार्टी और देश की सेना को खत्म कर दिया गया. इराक में शिया जब सत्ता में आने लगे तो सद्दाम हुसैन के सुन्नी समर्थकों ने अमेरिकी प्रमुखता में अंतरराष्ट्रीय सैनिकों के खिलाफ लड़ना शुरू किया.

पहले तो सद्दाम हुसैन के समर्थकों की सेना में ज्यादातर पूर्व सैनिक और हुसैन के वफादार थे. लेकिन फिर अबू मुसाब अल जरकावी की प्रमुखता में इस्लामी कट्टरपंथी भी इस गुट में शामिल होने लगे. जरकावी खुद एक छोटा मोटा अपराधी हुआ करता था. फिर जॉर्डन की एक जेल में वह कट्टरपंथी हो गया और अफगानिस्तान में वामपंथी सरकार के खिलाफ लड़ने चला गया.

1994 में जरकावी दोबारा जॉर्डन में गिरफ्तार हुआ. उस पर वहां के शहंशाह के खिलाफ षड्यंत्र रचने के आरोप लगे. 1999 में शाह हुसैन की मौत के बाद उसे माफ कर दिया गया. जरकावी अफगानिस्तान लौटा लेकिन 2001 में अमेरिकी हमले के बाद वहां से उत्तर इराक भाग निकला. इराक में उसने कुर्द उग्रवादियों के गुट अंसार अल इस्लाम के अरब तबके की अगुवाई की. इसके बाद उसने इराक में अल कायदा की स्थापना की.

सुन्नी जागृति और इराकी गृह युद्ध

2006 में इराकी अल कायदा ने समारा शहर के अल अस्करी मस्जिद पर हमला किया. यह शिया इस्लाम के सबसे धार्मिक स्थानों मे है. इसके बाद शिया और सुन्नी गुटों में गृह युद्ध शुरू हो गया. जरकावी के सैनिक इस बीच इतना हिंसक हो गए कि इराक के पश्चिम अनबार प्रांत में सुन्नी कबीले अल कायदा के खिलाफ होकर अमेरिकी सेना के साथ लड़ने लगे. इस लड़ाई को सुन्नी जागृति कहा जाने लगा.

Irak Flüchtlinge 03.08.2014
तस्वीर: picture-alliance/AA

2006 में जरकावी एक अमेरिकी हमले में मारा गया. उसकी जगह अबू अय्यूब अल मिस्री और अबू उमर अल बगदादी ने ली और संगठन को इस्लामी स्टेट ऑफ इराक का नाम दिया गया. 2007 में वॉशिंगटन के और 20,000 सैनिक इराक पहुंचे. इस हमले में अल मिस्री और अल बगदादी मारे गए और ऐसा लगा जैसे आइसिस पूरी तरह खत्म हो चुका है.

सीरिया पहुंची लड़ाई

2011 में अमेरिकी सैनिकों के इराक से हटने के बाद आइसिस अबू बक्र अल बगदादी की प्रमुखता में दोबारा संगठित होने लगा. अल बगदादी ने सुन्नी गुट को इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया का नाम दिया.

2011 में सीरिया में गृह युद्ध शुरू होने के बाद आइसिस ने राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ लड़ना शुरू कर दिया. इस्लामिक स्टेट अल कायदा से संबंधित गुट अल नुसरा फ्रंट के साथ मिल कर काम करना चाहता था लेकिन पाकिस्तान में अल कायदा ने इस गठबंधन से इनकार कर दिया. माना जाता है कि पाकिस्तान में अल कायदा के प्रमुख अयमान अल जवाहिरी इस समझौते से खुश नहीं थे.

इस्लामी राज्य का गठन

Irak Flüchtlinge 17.07.2014
इराक में हजारों कुर्द अपने घरों से भागने पर मजबूर हो गए हैंतस्वीर: Reuters

अल कायदा के साथ अनबन के बावजूद आइसिस सीरिया में असद की सेना और विद्रोहियों पर अपना रौब जमाने में कामयाब रहा. जून में इस्लामी स्टेट ने इराकी शहर मोसूल पर कब्जा किया.

इराक और सीरिया के बीच सरहद पर आइसिस ने इस्लामी स्टेट की घोषणा कर दी है. संगठन ने कट्टरपंथी इस्लाम के सख्त शरीया कानून को लागू किया है और महिलाओं को नकाब पहनने पर मजबूर किया. धार्मिक अल्पसंख्यक इराक से भागने लगे हैं और शिया मुसलमानों को जजिया देने पर मजबूर किया गया है. इस्लामी स्टेट ने इस बीच इराक और सीरिया में कई तेल खदानों पर कब्जा कर लिया है और इराकी सेना से अमेरिकी हथियारों को जब्त करने में सफल रहे हैं.

रिपोर्टः स्पेंसर किंबल/एमजी

संपादनः ए जमाल