इराक की मदद
१९ जून २०१४खुद राष्ट्रपति ओबामा और कांग्रेस के दूसरे कई नेताओं का मानना है कि इराक में स्थिति पर नियंत्रण के लिए तुरंत कुछ कदम उठाने होंगे. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अगर ओबामा वाकई कांग्रेस को दरकिनार कर इराक के मामले में कोई कदम उठाते हैं तो इससे व्हाइट हाउस और सांसदों के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है. ऐसे टकराव को टालना तब और भी मुश्किल हो जाएगा अगर ओबामा अमेरिकी सेना को सीधे सीधे इराक में हवाई हमले शुरु करने की इजाजत दे देते हैं.
ओबामा प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल हवाई हमले शुरु करने की बात पर चर्चा नहीं हो रही है लेकिन अगर खुफिया एजेंसियां इराक में आतंकवादियों के ठिकानों को साफ साफ तय कर लेती हैं तो ओबामा हवाई हमले कर उन्हें निशाना बनाने की आज्ञा दे सकते हैं.
बुधवार को ओबामा ने संसद के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ देर तक इराक मामले पर चर्चा की. बातचीत में शामिल रिपब्लिकन सीनेटर मिच मैककॉनेल ने बताया कि राष्ट्रपति ने "इस बात के संकेत दिए कि वे जो कदम उठाने के बारे में सोच रहे हैं उसके लिए उन्हें हमसे अनुमति लेने की कोई जरूरत नहीं लगती." नेताओं ने यह साफ नहीं किया कि ओबामा कौन से कदम उठाने के बारे में सोच रहे हैं.
पिछले एक हफ्ते के दौरान आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड अल शाम) ने इराक के प्रमुख शहरों पर अपना कब्जा जमा लिया है और राजधानी बगदाद की ओर बढ़ रहा है. इस कट्टरपंथी इस्लामी संगठन ने बुधवार को बगदाद के उत्तर में स्थित देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी पर भी हमला किया. इनका इरादा राजधानी पर कब्जा कर राष्ट्रपति को सत्ता से हटाना और शरीया के आधार पर देश में शासन चलाना है.
पिछले साल सीरिया में हालात खराब होने पर ओबामा ने वहां हवाई हमले करने के लिए कांग्रेस से आज्ञा मांगी थी लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया. माना जाता है कि ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि यह साफ हो गया था कि कानून निर्माता सीरिया में कार्रवाई की समर्थन नहीं करेंगे. प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि इराक के मुद्दे पर राष्ट्रपति अपने विवेक से कोई भी कदम उठा पाएंगे क्योंकि इस बार इराक की सरकार ने अमेरिका से खुद सैन्य मदद मांगी है.
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने सीरिया से तुलना की बात पर कहा, "मुझे लगता है कि यह एक बिल्कुल अलग मामला है." 2002 में इराक में सेना का इस्तेमाल किए जाने के लिए कांग्रेस ने जो आदेश जारी किए थे वह अभी तक वैध हैं.
इस बीच अमेरीका के उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने इराक के शिया प्रधानमंत्री नूरी अल मालिकी के अलावा वरिष्ठ सुन्नी और कुर्द नेताओं से मुलाकात कर स्थिति पर चर्चा की. इराक में कार्रवाई पर ओबामा कब फैसला लेंगे, इसके बारे में व्हाइट हाउस ने कोई समय सीमा नहीं बताई है.
आरआर/एमजे (एपी,एएफपी)