इमारतों पर दिखती जादुई 3डी मैपिंग
3डी मैंपिंग किसी सतह पर वीडियो प्रोजेक्ट करने की तकनीक है. इससे देखने वाला अपनी आंखों के सामने किसी संरचना को कई अवतार लेते देखता है. तस्वीरों में देखें दुनिया भर में इस तकनीक का शानदार प्रदर्शन.
2 जून 2014 को भारत के 29वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आए तेलंगाना के पर्यटन विभाग ने राज्य के प्रमुख प्रतीकों को 3डी मैंपिंग तकनीक से सजाने का सोचा. इसके लिए चुनी गई बुद्ध प्रतिमा, काचीगुडा रेलवे स्टेशन और क्लॉक टावर (तस्वीर में).
दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना में मनाए जाने वाले बोनालू त्योहार के मौके पर पहली बार हैदराबाद में राज्य की समृद्ध विरासत को 3डी मैपिंग तकनीक की मदद से दर्शाया गया. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ऐसे और भी कार्यक्रम किए जाने की योजना है.
बाघ से लेकर बंदर तक, पक्षियों से लेकर कीड़ों तक, एंपायर स्टेट की 381 मीटर ऊंची इमारत पर कई महत्वपूर्ण जीव प्रजातियों को जगह मिली. आयोजकों ने अपनी तरह के इस अनोखे प्रदर्शन के लिए 40 बड़े प्रोजेक्टरों का इस्तेमाल किया.
ऑस्कर पुरस्कार जीत चुके लुई सिहोयोज ने 2009 में अपनी डॉक्यूमेंट्री के लिए इस प्रोजेक्ट की परिकल्पना की थी. वे पर्यावरण संरक्षण को समर्पित एक संगठन के संस्थापक भी हैं. ऑस्कर से नवाजी गई उनकी डॉक्यूमेंट्री जापान में डॉल्फिन के शिकार के कारोबार पर थी.
खतरे में पड़ चुके जानवरों की ओर ध्यान दिलाने के लिए न्यूयॉर्क की मशहूर एंपायर स्टेट बिल्डिंग का इस्तेमाल किया गया. बिल्डिंग के कैनवास पर 3डी मैपिंग के चलते यह प्रस्तुति दुनिया भर में लोगों को तक संदेश पहुंचाने में कामयाब रही.
9 मई 2014 को साराजीवो सिटी हॉल और नेशनल लाइब्रेरी के दोबारा खोले जाने के खास मौके पर भी 3डी मैपिंग तकनीक का प्रयोग हुआ. बोस्निया में 1896 में बनी यह इमारत 1992 में युद्ध की चपेट में आकर नष्ट हो गई थी. 1996 से ही ईयू की फंडिंग की मदद से इसकी मरम्मत का काम चल रहा था.
पॉप के गुरु प्रभावशाली जर्मन संगीतकार क्राफ्टवेर्क अपने आप में एक कला हैं. इन्हें 70 के दशक में इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक की शुरुआत का श्रेय दिया जाता है. क्राफ्टवेर्क के यादगार संगीत कार्यक्रमों और उसमें 3डी शो के तड़के के साथ ही दूसरे विश्व युद्ध के बाद विश्व मंच पर जर्मनी की वापसी हुई मानी जाती है.