इबोला के बाद संघर्ष
पश्चिम अफ्रीका में इबोला बीमारी तेजी से फैल रही है. इस पर नियंत्रण के लिए लाइबेरिया की सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें सेना की तैनाती भी है. हालांकि इसकी वजह से कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हो रहा है.
पत्थर और लाठियां
राजधानी मोनरोविया के वेस्ट प्वाइंट में जब प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू की, तो सैनिकों ने लाठियां भांजनी शुरू कर दीं. सेना ने लोगों की भीड़ तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े. लोगों ने सैनिकों पर पत्थर फेंके.
चारों तरफ सुरक्षा घेरा
सेना और पुलिस ने वेस्ट प्वाइंट इलाके को चारों तरफ से घेर लिया है और इससे पहले कोई चेतावनी भी नहीं दी. इस इलाके में घनी आबादी है और यहां इबोला के लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं. पिछले हफ्ते यहां हिंसा भड़क उठी.
सड़कों पर तनाव
जब सैनिकों ने सरकारी प्रतिनिधियों को मदद करने की कोशिश की, तो झड़प दोबारा शुरू हो गई. इबोला से पीड़ित लोगों को अलग थलग रखने की कोशिश की जा रही है लेकिन उनके रिश्तेदार नहीं मानते. कभी कभी सैनिकों को गोलियां भी चलानी पड़ीं.
भागने के रास्ता नहीं
वेस्ट प्वाइंट से भाग निकलने का प्रयास कर रहे लोगों को भी कामयाबी नहीं मिल पाई. हालांकि लाइबेरिया के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उनके सैनिकों ने किसी नागरिक को सीधे तौर पर निशाना नहीं बनाया.
भूतों का शहर
वेस्ट प्वाइंट में बिलकुल सन्नाटा पसरा है. यहां 75000 से ज्यादा की आबादी रहती है. इनमें से ज्यादातर के पास पीने का साफ पानी मयस्सर नहीं है. इन सब वजहों से यहां इबोला फैलने का खतरा भी ज्यादा है.
राष्ट्रपति की चिंता
लाइबेरिया की राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ ने डोलो टाउन इलाके की घेराबंदी करने को भी कहा है. उन्होंने पूरे देश में रात के वक्त कर्फ्यू लगा दिया है. सिनेमाघरों और डिस्को को बंद करा दिया गया है. उनका कहना है कि यह सब जान बचाने के लिए है.
शवों से खतरा
इबोला से पीड़ित व्यक्ति की मौत के बाद उसके शव से वायरस संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है. इस बीमारी से अब तक 600 लाइबेरियाई मारे जा चुके हैं, जो किसी भी देश से ज्यादा है. अब तक इस बीमारी का इलाज नहीं निकल पाया है.
रब से मदद
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस पर काबू पाने में कई और महीने लग सकते हैं. डब्ल्यूएचओ मीडिया से उम्मीद कर रहा है कि वह जागरूकता बढ़ाए. इस बीच मोनरोविया में समुद्र तट पर टहलते हुए यह व्यक्ति ईश्वर से मदद मांग रहा है.