इबोला के टीके से राहत
२७ नवम्बर २०१४ग्लैक्सो स्मिथ क्लाइन द्वारा बनाए गए इस टीके के शुरुआती टेस्ट सकारात्मक रहे हैं और इबोला जैसी खतरनाक बीमारी के खिलाफ उम्मीद जगा रहे हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि यह बीमारी से लड़ने वाली दवा नहीं, बल्कि टीका है. इसका फायदा अफ्रीका में इबोला पीड़ितों का ध्यान रख रहे स्वयंसेवियों को मिलेगा. पिछले कुछ वक्त में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर और नर्सों को ही इबोला संक्रमण हो गया हो. उम्मीद की जा रही है कि इस नए टीके के इस्तेमाल से बीमारी का फैलना रोका जा सकेगा.
पश्चिमी अफ्रीका में इबोला एक महामारी की तरह फैला. इस साल पांच हजार से ज्यादा मौतें दर्ज की जा चुकी हैं. ऐसे में नए टीके के लिए लोग विज्ञान और वैज्ञानिकों का शुक्रिया अदा करना नहीं भूल रहे. विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने लोगों में इबोला को ले कर जागरूकता फैलाने के लिए एक ऑनलाइन क्विज भी तैयार की है.
फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेट्वर्किंग वेबसाइटों के जरिए डब्ल्यूएचओ इस क्विज को लोगों तक पहुंचा रहा है. इसमें इबोला से जुड़े सामान्य ज्ञान को टटोला गया है, जैसे कि इबोला पानी के जरिए फैलता है या हवा से या फिर किसी के साथ संपर्क में आने से, क्या इबोला के कारण मारा जा चुका व्यक्ति भी संक्रमण का कारण बन सकता है. ये उस तरह के सवाल हैं, जिनके जवाब मालूम होना चाहिए.