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इतिहास में आज: 20 फरवरी

समरा फातिमा१९ फ़रवरी २०१४

भारत के पूर्वोत्तर मिजोरम को आज ही के दिन 1987 में 23वें राज्य का दर्जा मिला. इससे पहले 1972 में केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले तक यह असम का हिस्सा था.

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तस्वीर: ARINDAM DEY/AFP/Getty Images

19वीं शताब्दी में ब्रिटिश प्रभाव बढ़ने के साथ मिजोरम 1891 में ब्रिटिश अधिकार में आ गया. इसके बाद कई वर्षों तक मिजोरम का उत्तर का लुशाई पहाड़ी क्षेत्र असम और आधा दक्षिणी भाग बंगाल के अधीन रहा. 1898 में दोनों को मिलाकर एक जिला बना दिया गया जिसका नाम था लुशाई हिल्स. यह असम के मुख्य आयुक्त के प्रशासन में आ गया.

1967 में मिजो नेशनल फ्रंट को गैर कानूनी घोषित किए जाने के बाद मिजोरम को अलग राज्य बनाने की मांग बढ़ने लगी. 1971 में मिजो जिला परिषद के प्रतिनिधियों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सामने यह मांग रखी. 1972 में पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम लागू होने पर मिजोरम केंद्र शासित प्रदेश बन गया. भारत सरकार और मिजो नेशनल फ्रंट के बीच 1986 में हुए ऐतिहासिक समझौते के फलस्वरूप 20 फरवरी 1972 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया.

मिजो संप्रदाय की उत्पत्ति कहां से हुई इस बारे में उत्तर पूर्वी भारत के अन्य समुदायों की तरह कई मत हैं. एक मत यह भी है कि ये चीन से भारत आए प्रवासी हैं. कई लोगों का यह भी मानना है कि मिजो चीनी नदी यालुंग के किनारे शिनलुंग से आए. मिजोरम प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर राज्य है. भारत में साक्षरता के मामले में आगे राज्यों में मिजोरम का दूसरा स्थान है. पहले नंबर पर केरल है.

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