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इतिहास में आज: 13 दिसंबर

१३ दिसम्बर २०१३

13 दिसंबर 2001 यह वह तारीख है जिसे कोई भी भारतीय भूल नहीं पाएगा. आज ही के दिन हिंदुस्तान के लोकतंत्र के मंदिर पर आतंकियों ने हमला किया था.

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Das indische PArlament in Neu Dheli
तस्वीर: DW/A. Chatterjee

13 दिसंबर 2001 को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर पर आतंकियों ने सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर हमला किया था. सफेद रंग की कार में सवार होकर पांच आतंकी संसद भवन परिसर में घुसे थे. आतंकियों की कार पर गृह मंत्रालय का स्टीकर था जिस वजह से सुरक्षाकर्मियों ने उसे नहीं रोका. आतंकियों ने कार से उतरते ही फायरिंग शुरू कर दी. जिसके जवाब में वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने भी फायरिंग की. आतंकियों के पास अत्याधुनिक हथियार और हथगोले थे.

दरअसल लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की योजना थी कि संसद भवन के अंदर घुसकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को बंधक बनाए या फिर उन्हें नुकसान पहुंचाए. हमले के करीब 40 मिनट पहले संसद की कार्यवाही स्थगित हुई थी. कुछ नेता अपने घरों के लिए निकल गए थे लेकिन कुछ संसद भवन में ही मौजूद थे. इनमें तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और जॉर्ज फर्नांडिस शामिल हैं. हमले के तुरंत बाद दोनों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया. साथ ही संसद के लिए अंदर जाने वाले तमाम दरवाजे बंद कर दिए गए. हालांकि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हमले से कुछ देर पहले निकल गए थे.

आतंकियों के फायरिंग के जवाब में संसद परिसर में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने भी गोलीबारी शुरू की. आतंकियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच करीब 30 मिनट तक मुठभेड़ चली. मुठभेड़ में सभी आतंकी मारे गए लेकिन 12 जवान भी इस हमले में शहीद हो गए. संसद पर हमला करने के दोषी अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी दे दी गई.

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