इतिहास में आजः 10 अक्टूबर
९ अक्टूबर २०१३रेखा का पूरा नाम भानुरेखा कम ही लोग जानते हैं. 10 अक्टूबर 1954 को तमिल परिवार में जन्मीं भानुप्रिया के मां बाप दोनों ही अभिनय जगत से जुड़े हुए थे. 12 साल की उम्र में आई रंगुला रत्नम उनकी पहली फिल्म थी जिसे बाद में 1976 में रंगीला रतन के नाम से दोबारा हिन्दी में भी बनाया गया. मुंबई आने और हिन्दी फिल्मों में कदम रखने से पहले उन्होंने एक तेलुगू और एक कन्नड़ फिल्म की. 1970 में आई सावन भादो उनकी पहली हिन्दी फिल्म थी.
शुरुआत में सांवली रंगत, भारी शरीर और हिन्दी बोलने में सहज ना होने की वजह से बात बहुत जमीं नहीं. हालांकि इसके बाद उनकी काया पलट हुई. ना सिर्फ उन्होंने वजन कम किया बल्कि हिन्दी पर भी पकड़ बनाकर दर्शकों का दिल जीत लिया. हिन्दी सिनेमा में उन्होंने कला और व्यावसायिक दोनो ही तरह की फिल्में कीं और शोहरत पाई. उनके अभिनय में नएपन और विविधता ने बहुत जल्द उन्हें हिन्दी सिने जगत की कुछ सबसे कामयाब अभिनेत्रियों में मुकाम दिया. खूबसूरत, खून भरी मांग और उमराव जान उनकी बेहद कामयाब रही फिल्मों में से हैं.
रेखा का निजी जीवन विवादास्पद ही रहा. अभिनेता विनोद मेहरा के साथ उनकी कथित शादी बहुत दिन तक नहीं चल सकी. एक इंटरव्यू में रेखा ने इस शादी से साफ इनकार किया. बहरहाल इसके बाद उन्होंने व्यापारी मुकेश अग्रवाल से शादी की, लेकिन इस शादी का अंत तलाक से हुआ जिसके बाद मुकेश अग्रवाल ने आत्महत्या कर ली.
सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के साथ भी उनके प्रेम संबंध के किस्से हमेशा सुर्खियों में रहे. अखबारों और न्यूज चैनलों से दूर रहने वाली रेखा ने अपने जीवन में बहुत सारे इंटरव्यू तो नहीं दिए हैं, लेकिन वह फिल्मी जगत से जुड़े कार्यक्रमों में अक्सर दिखाई दे जाती हैं. इस समय वह अपनी सेक्रेटरी फरजाना और कुत्ते के साथ मुंबई में बांद्रा स्थित अपने बंगले में रहती हैं.
फिल्मी दुनिया के कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित की जा चुकीं रेखा को भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजा है.