आसमान में आग
गर्मी, सूरज और बिजली. जबरदस्त गर्मी के बाद बिजली भी कड़क उठती है. देखिए बिजली कैसे कड़कती है और उसके बाद क्या होता है.
आसमान में शॉर्ट सर्किट
ऐसा लगता है कि आसमान के शरीर में अचानक कई नसें जल उठी हों. जब भी बिजली कड़कती है, तो ऐसा नजारा दिखता है. बिजली की एक कड़क से 50 करोड़ वोल्ट तक की ऊर्जा पैदा हो सकती है. जर्मनी में हर साल 20 लाख बार बिजली कड़कती है.
बिजली की मार
इस शख्स पर बिजली नहीं गिर सकती क्योंकि उसने बिजली को परावर्तित करने का आवरण पहन रखा है. विज्ञान की भाषा में इसे फैराडे का पिंजरा कहते हैं. खतरनाका बिजली इस धातु से टकरा कर लौट जाती है.
धरती में बिजली
बिजली हमेशा सबसे ऊंची जगह पर टकराती है. इसलिए ज्यादातर चर्चों या ऊंची इमारतों में इसके लिए एक छड़ लगाई जाती है. यह धातु बिजली को जमीन के अंदर तक पहुंचा देती है. बिजली की इस छड़ का आविष्कार 1752 में हुआ था.
करोड़ों का नुकसान
बिजली गिरने से जर्मन बीमा कंपनियों को 2013 में 28 करोड़ यूरो का नुकसान उठाना पड़ा. ज्यादातर नुकसान इसकी वजह से हुई इलेक्ट्रिक सप्लाई की गड़बड़ी से हुआ. बिजली गिरने के बाद घरों को होने वाली इलेक्ट्रिक सप्लाई प्रभावित होती है. इसलिए ऐसे मौसम में प्लग निकाल लेना बेहतर है.
मिथक या सत्य
यह एक मिथक है कि बिजली गिरने से आग के गोले जैसी आकृति बनती है, जो तबाही लाती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी घटना होती जरूर है लेकिन इसे कभी तस्वीरों में नहीं पकड़ा जा सका है. उन्होंने कृत्रिम बॉल लाइट्निंग बनाई है.
डर और विस्मय के बीच
कुछ लोगों को बिजली कड़कने की घटना बहुत रोमांटिक लगती है लेकिन अगर इसे सोच कर ही पसीने आने लगें, तो वह शख्स एस्ट्राफोबिया का शिकार है. बिजली से बहुत डर लगने की बीमारी को यही नाम दिया गया है.
कलाकारों की प्रेरणा
कई स्टेज शो में इस तरह की घटनाओं को दिखाया गया है. मशहूर कलाकार वॉल्टर डे मारिया ने अमेरिका में न्यू मेक्सिको में एक विशाल मैदान में स्टील के रॉ़ड लगाए हैं. बिजली गिरने से ये आकृति बनने लगती है.