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आलोचना में गाना भी अब देशद्रोह

३ नवम्बर २०१५

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ने भारत में एक लोकगायक की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए रिहाई की मांग की है. लोकगायक एस. कोवन पर शराबबंदी न करने के लिए तमिलनाडु सरकार की आलोचना के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा किया गया है.

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चेन्नै में कोवन की गिरफ्तारी का विरोधतस्वीर: picture-alliance/dpa/Arun Sankar K.

एस. कोवन को पिछले शुक्रवार को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और उनकी सरकार पर गरीबों की कीमत पर सरकारी शराबखानों में दारू की बिक्री से फायदा उठाने का आरोप लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया. कोवन अपने गानों में शराबबंदी का समर्थन करते हैं. भारत में सस्ती नकली शराब पीने से हर साल बहुत से गरीब लोगों की जान जाती है. यदि कोवन को देशद्रोह के आरोप में सजा हो जाती है तो उन्हें अपनी पूरी जिंदगी जेल में काटनी पड़ सकती है. पुलिस ने कोवन पर विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने, आपराधिक धमकी और राज्य सरकार का अपमान करने के आरोप भी जड़े हैं.

मद्रास हाई कोर्ट ने कोवन को रिहा करने अपील ठुकरा दी है. कोर्ट का मानना है कि अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी कानून के हिसाब से की है इसलिए उनकी रिहाई का मामला नहीं बनता. कोवन के दोस्त वी वेंकटेशन की अपील पर सरकारी वकील की दलील थी कि उनके खिलाफ 28 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज किया गया और गिरफ्तारी के बाद उन्हें इगमोर के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश किया गया जिसने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी में अनियमितता के आरोप को अस्वीकार कर दिया.

यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब भारत में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से अभिव्यक्ति की आजादी और सहिष्णुता में होती कमी के विरोध में साहित्यकार और बुद्धिजीवी अपने पुरस्कार वापस कर रहे हैं. न्यूयॉर्क स्थिति मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच की दक्षिण एशिया डाइरेक्टर मीनाक्षी गांगुली ने एक बयान में कहा है कि पुलिस ने कोवन को जयललिता को आलोचना से बचाने के प्रयास में गिरफ्तार किया है. गांगुली ने कहा, "ऐसे कानून की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है जिसका लगातार गायकों, कार्टूनिस्टों और लेखकों को गिरफ्तार करने के लिए इस्तेमाल किया जाए."

तीन साल पहले भारतीय कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को कार्टून के जरिये भारत सरकार में भ्रष्टाचार की खिल्ली उड़ाने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था. नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के भारी विरोध के बाद उन्हें रिहा किया गया. दक्षिण भारत में लोकप्रिय कोवन ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की आलोचना करते हुए दो गाने लिखे हैं. वे पीपल्स आर्ट एंड लिटररी एसोसिएशन की सांस्कृतिक शाखा के प्रमुख हैं. यह संस्था 30 साल से समाज के कमजोर वर्गों में काम कर रही है.

एमजे/आरआर (एपी)