आरुषि हत्याकांड में तलवार दंपति बरी
१२ अक्टूबर २०१७तलवार दंपति ने 2013 में सीबीआई के स्पेशल कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें तलवार दंपति को दोनों हत्याओं के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इस फैसले के बाद से तलवार दंपति गाजियाबाद के डासना जेल में बंद थे.
नुपुर और राजेश तलवार इस फैसले को सुनकर रो पड़े. उन्होंने टेलिविजन पर कहा कि उन्हें न्याय मिला. डासना जेल के जेलर दाधी राम मौर्य ने समाचार चैनल एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "तलवार दंपति को टेलिविजन के माध्यम से खबर मिल गई है. वे खुश हैं वे संतुष्ट हैं."
जस्टिस एके मिश्रा और बीके नारायण की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि तलवार दंपति ने बेटी आरुषि को नहीं मारा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में तलवार दंपति को रिहा करते हुए कहा कि दोनों को संदेह का लाभ दिया जाना चाहिेए.
तलवार दंपति के वकील ने टेलिविजन इंटरव्यू में बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया है और कल दोपहर तक दोनों दंपति जेल से बाहर आ सकते हैं. कोर्ट ने माना है कि उनके खिलाफ सारे पर्याप्त सबूत नहीं थे. केवल इस आधार पर कि वे हत्या की रात घर पर थे, उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता. इस आधार पर सजा देना अन्याय है.
16 मई 2008 को आरुषि तलवार और उसके नौकर हेमराज की हत्या हुई थी. लगभग 10 साल चले इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरुषि के माता पिता को रिहा किया है.
इस मामले में सीबीआई ने कहा है कि अगला कदम उठाने से पहले वे फिलहाल फैसले की कॉपी मिलने का इंतजार कर रही है.