आयोवा में ट्रम्प कार्ड फेल
२ फ़रवरी २०१६मुसलमानों के खिलाफ भाषण देने वाले अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी के नेता और उद्योगपति डोनल्ड ट्रम्प को आयोवा में हार का सामना करना पड़ा है. उन्हीं की पार्टी के टेक्सास के सीनेटर टेड क्रूज ने उन्हें 3.7 फीसदी वोटों से हराया. क्रूज की जीत में इवेंजेलिक मतदाताओं का खासा योगदान रहा. जीत के बाद उनका आभार जताते हुए क्रूज ने कहा, "ये आयोवा और महान देश के सभी कंजर्वेटिव्स की साहसिक जीत है."
दूसरे स्थान पर रहने वाले रिपब्लिकन नेता ट्रम्प ने भी अपने वोटरों का आभार व्यक्त किया. बेबाक बयानों के चलते विवादों में रहने वाले ट्रम्प ने कहा कि अगले हफ्ते न्यू हैम्पशायर में उन्हें जीत की पूरी उम्मीद है. वह भले ही आशा से भरे हों लेकिन आयोवा के नतीजों के बाद सबसे सशक्त रिपब्लिकन नेता की उनकी छवि कमजोर पड़ी है.
डेमोक्रैट भी उलझे
वहीं अमेरिका की सत्ताधारी डेमोक्रैटिक पार्टी के इतिहास में आयोवा प्रांत में इतना करीबी मुकाबला पहले कभी नहीं हुआ. माना जा रहा था कि आयोवा में हिलेरी क्लिंटन और बेर्नी सैंडर्स के बीच जो आगे निकलेगा वह डेमोक्रैटिक पार्टी का टिकट पा जाएगा. लेकिन आयोवा के चुनाव ने मामले को और उलझा दिया.
आयोवा में पूर्व विदेश मंत्री और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन को बहुत ही मामूली बढ़त मिली. क्लिंटन के चुनाव अभियान ने इसे जीत बताया. लेकिन उन्हीं की पार्टी के सीनेटर और हिलेरी के प्रतिद्वंदी बेर्नी सैंडर्स ने नतीजे को "बराबरी" करार दिया.
आयोवा की डेमोक्रैटिक पार्टी ने इसे अपने इतिहास का सबसे करीबी मुकाबा बताया. हिलेरी को 49.9 फीसदी वोट मिले. सैंडर्स का साथ 49.6 प्रतिशत मतदाताओं ने दिया. इसका मतलब हुआ कि राज्य के 699.57 प्रतिनिधि क्लिंटन के साथ गए और 695.49 सैंडर्स के हिस्से में आए. इतने कड़े मुकाबले की वजह से आयोवा की डेमोक्रैटिक पार्टी ने किसी को विजेता घोषित नहीं किया.
आगामी चुनाव अहम
आयोवा के ड्रॉ का मतलब है कि दावेदारों को अब न्यू हैम्पशायर में जीतना होगा. इस महीने के अंत में नेवाडा और साउथ कैरोलाइना में भी मुकाबला होगा. अमेरिका में आम तौर पर ऐसे करीबी मुकाबलों में एक ही पार्टी के दो दावेदारों के बीच हार जीत का फैसला टॉस से किया जाता है. अब तक तीनों टॉस हिलेरी क्लिंटन ने जीते हैं.