आयरलैंड ने चुना भारतीय मूल का प्रधानमंत्री
१६ जून २०१७आयरलैंड की राजधानी डबलिन में पैदा हुए वरदकर के पिता एक भारतीय डॉक्टर थे. वे ही भारत से आयरलैंड रहने चले गये थे. लियो वरदकर बचपन में अपने पिता के साथ नियमित तौर पर महाराष्ट्र के मुंबई स्थित अपने पैतृक घर पर आया करते. मुंबई में रहने वाले उनके परिवार के सदस्य लियो वरदकर के आयरलैंड का प्रधानमंत्री चुने जाने से आह्लादित हैं. भारत की जानी मानी नृत्यांगना और लियो की चचेरी बहन शुभदा वरदकर अपने भाई की जीत को पूरे विश्व के लिए एक बड़ी बात बताती हैं. उनका कहना है कि इससे आयरलैंड की उदारता और खुलेपन का सबूत मिलता है. मुंबई के बोरिवली से समाचार एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा, "लोकतंत्र के बारे में यही तो अद्भुत बात है, उसके मूल्य, और आयरलैंड जैसा एक देश जिसने लियो को अपना नेता चुना."
शुभदा ने बताया, "बचपन में लियो कई बार हमारे मुंबई वाले घर में रहा है. उसके माता पिता को पारंपरिक भारतीय खानपान बहुत पसंद है."
लियो वरदकर का भारतीय मूल का होना तो खास बात है ही, साथ ही खुद को समलैंगिक घोषित कर चुके 38 साल के लियो को आयरलैंड का सबसे कम उम्र का प्रधानमंत्री चुना जाना भी ऐतिहासिक है. एक समय में आयरलैंड का समाज बहुत संकीर्ण विचारधारा वाला माना जाता था. वरदकर की स्वीकार्यता अपने आप में आयरिश समाज में आए बड़े बदलाव का प्रतीक है. लियो वरदकर ने 14 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. उनके एक और संबंधी 65 साल के शेखर वरदकर बताते हैं, "लियो ने अपने जीवन में कई चुनौतियां और उतार चढ़ाव देखे हैं और इन सबके बावजूद सफल हुआ है. इस समय, ब्रेक्जिट के कारण आयरलैंड के सामने भी कई मुश्किलें हैं. ऐसे में वह मजबूत नेतृत्व दे सकेगा."
शुभदा ने बताया कि लियो 2015 में आयरलैंड की यात्रा पर गये भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक बार मिल चुके हैं. वे उस दिन का इंतजार कर रही हैं जब उनका भाई आयरिश प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के साथ अगली औपचारिक भेंट करेगा.
आरपी/एमजे (एएफपी)