आत्महत्या की कोशिश अपराध नहीं
१३ दिसम्बर २०१४मणिपुर की इरोम शर्मिला 14 साल से अनशन पर हैं. वो पूर्वोत्तर राज्यों में लागू सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून को हटाये जाने की मांग कर रही हैं. ये कानून भारत प्रशासित कश्मीर में भी लागू है. 42 साल की इरोम शर्मिला पर जो मुकदमे दर्ज हैं, उनमें से एक आत्महत्या की कोशिश का भी है. भारतीय दंड संहिता की धारा 309 के तहत ये अपराध है. इसी वजह से कई सालों तक इरोम हिरासत में रहीं. आत्महत्या की कोशिश के दोषी को एक साल तक की सजा हो सकती है. यह कानून अंग्रेजी राज में 1862 में अमल में आया था.
अब भारत सरकार इस विवादित धारा 309 को हटाना चाहती है. भारत के गृह राज्यमंत्री हरिभाई चौधरी के मुताबिक विधि आयोग ने कानून में इस सुधार की सिफारिश की है. केंद्र ने इस पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सुझाव भी मांगे. चौधरी कहते हैं, "राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रतिक्रिया देखने के बाद ये तय हुआ है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 309 को विधान पुस्तिका से मिटा दिया जाए."
असल में विधि आयोग ने 2008 में ये सिफारिश की थी. आयोग के मुताबिक आज भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया और सिंगापुर जैसे इक्का दुक्का देशों में ही आत्महत्या को अपराध के दायरे में रखा गया है. विधि आयोग से पहले 1996 में भारतीय सुप्रीम कोर्ट यह साफ कर चुका था कि आईपीसी की धारा 309 संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करती है. 2011 में भी सुप्रीम कोर्ट ने संसद से कहा कि वो आत्महत्या को अपराध की श्रेणी हटाने की दिशा में आगे बढ़े.
भारतीय मीडिया के मुताबिक कुछ राज्यों ने खुदकुशी को अपराध के दायरे से बाहर करने का विरोध किया है. उनका तर्क है कि धारा 309 हटाने से आत्महत्या के मामले बढ़ जाएंगे. लेकिन इसमें भी कोई शक नहीं कि इस कानून के खत्म होने से अदालत के चक्कर काट रहे हजारों लोगों को राहत मिलेगी. भारत में विरोध दर्ज कराने के लिए आमरण अनशन आम तौर पर देखा जाता है. आजादी की लड़ाई की दौरान ये अहिंसक तरीका महात्मा गांधी ने शुरू किया.
ओएसजे/एजेए (एएफपी)