आतंक नहीं सफाई है ऑस्ट्रेलिया की चिंता
१८ सितम्बर २०१०न्यूजेंट ने अखबार द डेली टेलीग्राफ से कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में साफ सफाई एक मुद्दा है. उन्होंने कहा, "आप एक पश्चिमी व्यवस्था वाले देश में जाकर भी बीमार हो सकते हैं, लेकिन उपमहाद्वीप में तो इस तरह के कीटाणु हैं जिनके लिए हमारे अंदर प्रतिरोधक क्षमता ही नहीं है."
न्यूजेंट ने इन खतरों का असर तैयारियों पर होने की बात कही है. उन्होंने कहा, "उलटी या दस्त जैसी बीमारियां पूरी टीम में फैल सकती हैं और महीनों की तैयारी पर पानी फेर सकती हैं. इससे मेडल की उम्मीदें तो धराशायी हो जाती हैं."
न्यूजेंट बोले कि इसलिए ज्यादा सावधान रहना होगा और पहले से ही जरूरी उपाय कर लेने होंगे ताकि बाद में किसी तरह की दिक्कत न रहे. उन्होंने इसके लिए किए गए उपायों का खुलासा भी किया.
उन्होंने कहा, "सभी ऑस्ट्रेलियाई तैराकों को हाथ साफ करने वाला जेल, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं और पूरी बांह की कमीजें दी गई हैं. इसके अलावा उन्हें फुल पैंट और मच्छर भगाने वाले जेल भी दिए गए हैं ताकि वे डेंगू या मलेरिया जैसी बीमारियों से खुद को बचा सकें."
कॉमनवेल्थ खेल 3 अक्तूबर से शुरू होकर 14 अक्तूबर तक चलेंगे. हाल ही में दिल्ली में जमकर बरसात हुई है और डेंगू के हजारों मामले सामने आने के बाद विदेशी खिलाड़ियों में डर बना हुआ है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य