आतंकवाद पर साइड इफेक्ट वाले कानून
५ फ़रवरी २०१५कहा जाता है कि डर अच्छा परामर्शदाता नहीं होता. लेकिन आतंकी हमलों का डर जर्मन कानून मंत्री हाइको मास के नए कानून का मसौदा तैयार करने की वजह थी. इसके अनुसार इस्लामी कट्टरपंथियों के जिहाद के लिए सीरिया या इराक जाने को ही अपराध बना दिया जाएगा. इसके अलावा आतंकवाद के वित्तीय समर्थन देना भी दंडणीय अपराध होगा.
सांकेतिक राजनीति
इन कानूनों की कोई जरूरत नहीं है. वे सांकेतिक हैं. वे जनमत में यह आभास पैदा करते हैं कि जर्मन सरकार इस्लामी कट्टरपंथियों के खिलाफ कुछ कर रही है. लोगों को शांत करने वाली एक दवा जिसके खतरनाक साइड इफेक्ट हो सकते हैं. इस मसौदे के साथ सरकार नजरिए को अपराध बनाने की राह पर जा रही है. भविष्य में अपराध के लिए यात्रा की योजना बनाना ही सजा के लिए पर्याप्त होगी. यह कुछ ऐसा है कि फरारी कार खरीदने की योजना बनाने वाले को तेज ड्राइविंग का फाइन कर दिया जाए.
इसके अलावा खराब इरादा रखने वालों पर इस कानून का अमल मुश्किल है. जांचकर्ता यह कैसे साबित करेंगे कि जिहादियों से सहानुभूति रखने वाले का आतंकी कैंप में जिहाद की ट्रेनिंग लेने का इरादा था. क्या युवा मुसलमानों का तुर्की जाना ही काफी होगा? क्या सोशल मीडिया में जिहादियों का साथ देने की घोषणा ही काफी होगी? और जांचकर्ता इस बात का सबूत कहां से लाएंगे कि ऐसी घोषणा गंभीर थी? आतंकवाद को वित्तीय मदद वाला कानून भी पूरी तरह एक्शन है. नया कानून बनाने के बदले विदेश व्यापार कानून और अपराध संहिता की धाराओं को लागू करना काफी है.
दूसरे कदमों की जरूरत
जर्मन सरकार की दलील है कि वह विदेशी लड़ाकों पर संयुक्त राष्ट्र के पिछले साल सितंबर के प्रस्ताव को लागू भर कर रही है. और कानून मंत्री मास अपने अधिकारियों की तेज कार्रवाई पर खुश हैं. लेकिन तेज कार्रवाई का मतलब क्वालिटी नहीं है. यह प्रस्ताव दरअसल मुख्य रूप से मध्य एशिया के देशों के देशों पर लक्षित है जो अब तक जिहादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अनिच्छा दिखा रहे थे. दूसरे मामलों में जर्मन सरकार जल्दबाजी नहीं दिखा रही है. 2007 में ही यूरोपीय आयोग ने जर्मनी से आतंकवाद पर यूरोपीय संघ की व्याख्या को अपराध संहिता में शामिल करने को कहा था. लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है.
आतंकवाद के खिलाफ नए कानूनों की जर्मनी के अपराध निरोधक अधिकारियों के संघ ने भारी आलोचना की है. संघ के प्रमुख एंडी नॉयमन का कहना है कि उसे तैयार करने में गल्तियां हुई हैं. दूसरों का कहना है कि संशोधन व्यापक नहीं हैं और उन्हें गैलरी में रखने के लिए बनाया गया है. नए कानून बनाने के बदले जर्मन सरकार को अधिकारियों में निवेश करना चाहिए. नए पुलिस अधिकारियों की भर्ती और जांचकर्ताओं को बेहतर उपकरण मुहैया कराने में. लेकिन उस पर खर्च होगा जबकि नियोजित कानून उससे बहुत सस्ता है.