आखिरकार गरीबी से जीती प्रतिभा
१५ अप्रैल २०१६निर्धन परिवार में जन्म लेने के कारण असलम मेहनत मजदूरी में इतने व्यस्त रहे कि संगीत की तालीम लेना उन्हें बेईमानी सा लगा. कम उम्र में सिर से पिता का साया उठने के बाद वे रिक्शा चलाने लगे और फुर्सत के लम्हों में दिल बहलाने के लिए गुनगुनाने लगते. ऐसे कई साल गुजरते गए.
इसी दौरान कराची में किसी ने जब असलम को गुनगुनाते हुए सुना तो वे हैरान हो गए. उन्होंने असलम का वीडियो बना लिया. इसमें असलम बड़े गुलाम अली की ठुमरी "याद पिया की आई" गा रहे हैं. ठुमरी बेहद क्लासिकल गायकी है, जिसे गाने वाले आज बहुत कम लोग बचे हैं. असलम बड़ी सरलता और सही सुरों के साथ यह ठुमरी गाते चले गए.
ग्राहक ने उस वीडियो को फेसबुक पर डाल दिया और 24 घंटे के भीत भारत और पाकिस्तान में 45 लाख से ज्यादा लोगों ने इस वीडियो को देखा. उनकी तारीफ सुर सम्राज्ञी कही जाने वाली भारतीय गायिका लता मंगेशकर ने की. लता ने अपने फेसबुक पेज पर असलम का वीडियो शेयर किया और कहा, "अभी अभी किसी ने मुझे यह वीडियो भेजा. यह कोई रिक्शा चलाने वाला है, ऐसे वीडियो के साथ लिखा हुआ था. सुनकर मैं हैरान हो गई. महसूस हुआ कि ईश्वर कहां कहां अपना चमत्कार दिखाता है. आप भी सुनिये. मैं दिल से चाहती हूं कि यह कलाकार रिक्शा न चलाए, माइक के सामने खड़ा हो."
वहीं भारतीय पॉप गायक दलेर मेंहदी के मुताबिक उन्होंने बड़े गुलाम अली साहब के बाद पहली बार किसी और को इस ठुमरी को इतनी अच्छी तरह गाते हुए सुना है. दलेर मेंहदी ने मास्टर असलम को दो बेडरूम वाला घर तोहफे में देने का वादा भी किया. पाकिस्तान के चैनल 24 से बात करते हुए मेंहदी ने मास्टर असलम से कहा कि "ईद वाले दिन आपको घर की चाबियां मिलेंगी."
असलम को उम्मीद है कि वीडियो से मिली वाहवाही से उनकी जिंदगी कुछ आसान होगी. कुछ मीडिया घरानों ने उन्हें नौकरी का प्रस्ताव भी दिया है. डॉयचे वेले से बातचीत में मास्टर असलम ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन वे इतने मशहूर हो जाएंगे. उन्हें वीडियो बनाने वाले की याद नहीं है, लेकिन असलम ने उनका आभार जताया है.