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आईएस पर मानव अंगों के कारोबार का शक

ऋतिका राय (रॉयटर्स)२५ दिसम्बर २०१५

दुनिया सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट से निबटने के रास्ते खोज रही है तो सीरिया में जब्त दस्तावेजों से पता चला है कि संगठन ने अपने लोगों की जान बचाने के लिए "धर्मद्रोही" के अंगों को निकालने की अनुमति दे रखी है.

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तस्वीर: picture-alliance/AP Photo

आतंकी समूह आईएस के इस्लामिक स्कॉलरों के हवाले से 31 जनवरी 2015 को जारी दस्तावेजों से पता चलता है कि वे इंसानी अंगों की तस्करी के काम में लगे हैं. बंधक बनाए गए जिंदा लोगों के अंग निकाल एक मुसलमान की जान बचाने की भी आज्ञा है, भले ही यह उस बंधक के लिए जानलेवा हो.

इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता की पुष्टि समाचार एजेंसी रॉयटर्स स्वतंत्र रूप से नहीं करा पाया है. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि यह दस्तावेज मई में पूर्वी सीरिया में विशेष अमेरिकी दस्तों के छापे के दौरान जब्त किए गए डाटा भंडार और जानकारी का हिस्सा हैं. आईएस के रिसर्च एंड फतवा कमेटी के धार्मिक आदेश जैसे लगते एक ऐसे ही दस्तावेज में लिखा है, "किसी धर्मद्रोही के जीवन या अंगों का सम्मान नहीं किया जाना चाहिए और माफी मांग कर उन्हें लिया जा सकता है." उपलब्ध अमेरिकी सरकारी अनुवाद के अनुसार फतवा नंबर 68 में लिखा है, "बंधक के ऐसे अंगों को निकाले जाने पर भी प्रतिबंध नहीं है जिससे उसकी जान चली जाए."

इन दस्तावेजों में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला जिससे साबित हो कि आईएस वाकई अंगों को निकालने या उनकी तस्करी में लिप्त है. मगर इससे यह जरूर स्थापित होता है कि आईएस के इस्लामी प्रारूप में ऐसा करने की धार्मिक अधिकृति है. पूर्व में इराक ने भी इस्लामिक स्टेट पर धन कमाने के लिए अंगों का कारोबार करने का आरोप लगाया था. इस दस्तावेज में "धर्मद्रोही" को परिभाषित नहीं किया गया है. आईएस कई गैर मुसलमानों, ईसाइयों, शिया मुसलमानों और ऐसे सुन्नी मुसलमानों को भी बंधक बना या मार चुका है जो उनके उग्रपंथी विचारों को नहीं मानते.

संयुक्त राष्ट्र में इराकी दूत मोहम्मद अली अलहकीम ने कहा है कि इन दस्तावेजों का निरीक्षण अंग तस्करी के मामले के साक्ष्य के तौर पर यूएन सुरक्षा परिषद द्वारा कराना चाहिए. यूएन की ओर से अभी ऐसी किसी जांच को शुरु कराने की सूचना नहीं मिली है.

मई में सीरिया में अमेरिकी सेना के छापे में आईएस के एक वित्त प्रमुख अबु सय्याफ की मौत हुई थी और उसकी पत्नी को पकड़ लिया गया था. इसी दौरान कंप्यूटर की हार्डड्राइव, थंबड्राइव और तमाम सीडी, डीवीडी और कागजी दस्तावेज बराबद हुए थे. पुरातात्विक महत्व की चीजों की तस्करी से जुड़ी जानकारी के अलावा अब तक अमेरिका ने बाकी असली दस्तावेज जारी नहीं किए हैं.

अंगों की चोरी के अलावा आईएस के लोगों के गुलाम महिलाओं से बलात्कार के विस्तृत नियम भी इन दस्तावेजों में वर्णित हैं. अमेरिका का मानना है कि इस्लामिक स्टेट की यह रिसर्च एंड फतवा कमेटी सीधे समूह के नेता अबु बकर अल-बगदादी को रिपोर्ट करती है.