आइसलैंड में ज्वालामुखी ने फिर उगली राख
५ मई २०१०आइसलैंड के ज्वालामुखी ने फिर से राख उगलना शुरू किया है. इसके कारण ब्रिटेन के नागरिक उड्डयन अधिकारियों ने घोषणा की है कि स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड के हवाई अड्डे बुधवार सुबह स्थानीय समय के हिसाब से सात बजे तक बंद रहेंगे. हालांकि यूरोप के यातायात प्रमुखों ने कहा है कि पिछले महीने की अफरा तफरी से उन्होंने काफी कुछ सीखा है और फिर से वो ऐसा नहीं होने देंगे.
तेज़ी से निकलती राख के कारण मंगलवार को आयरलैंड, उत्तर पश्चिमी स्कॉटलैंड और फैरो द्वीप पर हवाई यातायात रोकना पड़ा लेकिन फिर उड़ाने सामान्य हुई. ब्रिटेन और वेल्स को चेतावनी दी गई है कि उनकी वायुसीमा में राख की सघनता बढ़ सकती है.
इसके पहले यूरोप में डेढ़ सौ उड़ानें रद्द की गई थीं जो शाम तक सामान्य हो गईं. यूरोपीय संघ के यातायात मंत्री इस बारे में बातचीत करने वाले हैं और सभी इस बात पर सहमत हैं कि राख से सुरक्षा के मानक और सीमाएं तय की जानी चाहिए.
यूरोपीय यातायात मंत्रियों ने एक बयान में कहा, परिषद इस बात पर राज़ी है कि यूरोपीय स्तर पर सुरक्षा सीमा को परिभाषित करने की ज़रूरत है. कि राख की कितनी सघनता से विमानों और उनके इंजिन को ख़तरा हो सकता है. आयरलैंड के नागरिक उड्डयन विभाग ने मंगलवार को कई घंटों तक अपनी हवाई सीमाएं बंद रखीं लेकिन ब्रिटेन और यूरोप से आने वाली उड़ानें रद्द नहीं की गईं.
इस तरह से पहली बार ये कोशिश की गई कि हवाई अड्डों को पूरी तरह से बंद नहीं कर दिया जाए बल्कि जहां ज्यादा ख़तरा नहीं हैं वहां उड़ानों को जारी रखा जाए.
पहली बार जब आइसलैंड में ज्वालामुखी से राख निकलनी शुरू हुई थी तो जल्द सभी यूरोपीय हवाई सीमाएं बंद कर दी गईं थीं जिसका एयरलाइन्स ने बाद में विरोध किया था क्योंकि राख से उतना ख़तरा नहीं था जितना कहा जा रहा था.
अब चौबीस घंटे तक राख से ख़तरे की चेतावनी दी गई है. लेकिन सब कुछ उत्तर से आने वाली हवा और हवा की दिशा पर निर्भर करता है.
अप्रैल में इस राख के कारण दुनिया भर में एक लाख उड़ानें रद्द हुईं थी और यूरोप की सभी हवाई सीमाएं बंद कर दी गई थीं.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे
संपादनः एस गौड़