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अल बगदादी मारा गया, लेकिन जंग जारी रहेगी: अरब देश

२९ अक्टूबर २०१९

अरब देशों ने कहा है कि अमेरिकी सैन्य कार्रवाई में तथाकथित इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबु बक्र अल बगदादी की मौत के बावजूद इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हुई है. उनके मुताबिक खतरा लगातार बना हुआ है.

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Irak Abu Bakr al-Baghdadi
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Al-Furqan

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रविवार को घोषणा की कि पश्चिमोत्तर सीरिया में एक सैन्य कार्रवाई के दौरान अल बगदादी मारा गया. सऊदी अरब, मिस्र और जॉर्डन ने अल बगदादी के मारे जाने का स्वागत किया है और इसके लिए अमेरिका की कोशिशों को सराहा है. लेकिन इन देशों का यह भी कहना है कि वे अपने सहयोगी अमेरिका के साथ मिल कर आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जारी रखेंगे.

एक बयान में सऊदी अरब ने कहा कि वह "इस खतरनाक आतंकवादी संगठन के सदस्यों को ढूंढ निकालने के अमेरिकी प्रयासों की सराहना करते हैं, जिसने दुनिया भर में इस्लाम और मुसलमानों की सच्ची छवि को खराब किया है और सऊदी अरब समेत दुनिया भर में ऐसे अत्याचार और अपराध किए हैं जो मौलिक मानवीय मूल्यों के विपरीत हैं."

जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान अल-सफादी ने अल बगदादी की मौत को "आतंकवादियों और उनकी नफरत फैलाने वाली विचारधारा" के खिलाफ अमेरिका और जॉर्डन के साझा युद्ध में एक अहम कदम बताया है. उन्होंने ट्वीट किया, "जॉर्डन वैश्विक गठबंधन में अपने साझीदारों से सहयोग करते हुए इस बुराई को खत्म करने के प्रयासों में सबसे आगे बना रहेगा."

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वहीं मिस्र के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अहम हाफेज ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने की दिशा में अल बगदादी की मौत एक अहम कदम है. साथ ही उन्होंने एक "एकीकृत कार्रवाई" और "व्यापाक नजरिए की भी अपील की जिसमें आतंकवादी गुटों के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा, विकास और वैचारिक पहलुओं को भी ध्यान में रखा जाए."

खुद को खलीफा कहने वाले अल बगदादी ने 2014 में इस्लामिक स्टेट की बुनियादी रखी जिसने बहुत जल्दी सीरिया और इराक के एक बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया. 2017 में इराक ने इस्लामिक स्टेट पर जीत की घोषणा की तो सीरिया में कुर्दों के नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज ने इस साल की शुरुआत में उन्हें पराजित करने का दावा किया.

जर्मन सरकार ने अल बगदादी की मौत की घोषणा के बाद उन हजारों लोगों को याद किया जो इस दुर्दांत संगठन की हिंसा का शिकार बने. सरकारी प्रवक्ता श्टेफान जाइबर्ट ने बर्लिन में कहा कि अल बगदादी "अब हत्या वाले आदेश नहीं दे सकता. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आईएस के खिलाफ जंग खत्म हो गई है."

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उन्होंने कहा, "अल बगदादी की मौत की खबर मिलने पर जर्मन सरकार ने आईएस के आतंक के शिकार लोगों को याद किया. वे सभी लोग जो मारे गए या गुलाम बनाए गए यजीदी लोग, वो लोग जिन्हें आईएस के नियंत्रण वाले इलाकों में कट्टरपंथियों ने मनमाने तरीके से कत्ल किया गया, जिसमें स्थानीय मुस्लिम लोग और विदेशी बंधक शामिल थे."

अल बगदादी की मौत की घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सैन्य कार्रवाई में सहयोग के लिए रूस, तुर्की, सीरिया, इराक और सीरिया के कुर्द बलों की तारीफ की है. तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत चावुसोग्लू ने कहा, "अल बगदादी को मारने में तुर्की और अमेरिका ने मिल कर काम किया."

मॉस्को में रूसी सरकार ने भी पुष्टि की है कि जिस इलाके में अमेरिका ने अल बगदादी को मारने की बात कही है, वहां रूसी सेना ने अमेरिकी विमानों को उड़ते देखा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, "हमारे सैनिकों ने उस इलाके में अमेरिकी विमानों और ड्रोनों को देखा, जो शायद वहां काम कर रहे थे." इससे पहले रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि किसी भी अमेरिकी विमान को नहीं देखा गया है. पेस्कोव ने कहा कि अगर अल बगदादी के "मारे जाने की बात सही है तो यह अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी राष्ट्रपति का बहुत बड़ा योगदान होगा."

एके/एनआर (डीपीए)

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