1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अलविदा सांभा!

११ मई २०१०

शोले फिल्म में सांभा के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले मैकमोहन इस दुनिया में नहीं रहे. मैकमोहन कैंसर से पीड़ित थे.

https://p.dw.com/p/NL7j

अरे ओ सांभा कितने आदमी थे? शोले फिल्म से मशहूर हुए अभिनेता सांभा यानी मैकमोहन अब इस सवाल का जवाब देने के लिए हमारे बीच नहीं हैं. 71 साल के मैकमोहन कैंसर के शिकार थे. सोमवार रात मुम्बई के कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी अस्पताल में उन्होने दम तोड़ दिया.

मैकमोहन का असली नाम मोहन मखिजानी था. उनका फिल्मी संघर्ष 1964 की फिल्म "हकीकत" से शुरू हुआ था. 1975 में रमेश सिप्पी की फिल्म "शोले" से उनको सांभा की पहचान मिली. कई अन्य हिट फिल्में जैसे- ज़ंजीर, डान, सत्ते पे सत्ता, काला पत्थर और हेरा फेरी से फिल्मी जगत में मैक ने खूब नाम कमाया. 46 साल के फिल्मी कैरियर में उन्होने लगभग 175 फिल्मों में काम किया.

मैक ने निर्देशक रमेश सिप्पी के साथ शान और शोले में काम किया था. उन दिनों को याद करते हुए रमेश सिप्पी कहते हैं कि, "मैकमोहन के अलावा सांभा का वह रोल उतने बेहतर तरीके से और कोई नहीं कर सकता था. वह उस रोल के लिए हमेशा याद किए जाएंगे."

फिल्म जगत का सबसे यादगार डायलॉग, जब गब्बर कहता है- अरे ओ साम्भा कितना इनाम रखे है सरकार हम पर. जवाब में सांभा कहता है, पूरे पच्चास हज़ार. ये प्रसिद्ध डायलॉग लिखने वाले जावेद अख्तर शोक जताते हुए कहते हैं, "जैसे वो उस टीले पर बैठे थे और जिस बेहतरीन तरीके से उन्होंने वह डायलोग बोला था, वह आज भी मेरे ज़हन में ताज़ा है."

सांभा, आख़िरी बार ज़ोया अख़्तर की फिल्म "लक बाई चांस" और एक पंजाबी फिल्म "दिल दरिया" में देखे गए थे. अभिनेत्री रवीना टंडन उनकी भांजी हैं.

रिपोर्ट: पीटीआई/श्रेया कथूरिया

संपादन: महेश झा