अर्जेंटीना, बेल्जियम जीते
२ जुलाई २०१४बेल्जियम और अमेरिका का खेल न सिर्फ क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की जंग थी, बल्कि इसमें दो बेहतरीन गोलकीपरों का संघर्ष भी था. खेल के नियत समय 90 मिनट में दोनों पहरेदारों ने अपने किले बचाए रखे. लेकिन एक्स्ट्रा टाइम में बेल्जियाई खिलाड़ियों ने अमेरिका की सुरक्षा में सेंध लगा दिया. उन्होंने 10 मिनट के भीतर दो गोल कर दिया और बाद में अमेरिका सिर्फ एक गोल उतार पाया.
हालांकि जर्मनी और पुर्तगाल जैसी टीमों के साथ "ग्रुप ऑफ डेथ" से निकल कर आखिरी 16 तक पहुंचना भी अमेरिका की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, जिसमें उनके गोलकीपर टिम हॉवर्ड और जर्मन मूल के कोच युर्गेन क्लिंसमन की बड़ी भूमिका मानी जा रही है. अमेरिका को इस प्रतियोगिता से निकलने का दुख है और गोलकीपर हॉवर्ड ने अपना दर्द कुछ इस तरह निकाला, "यहां से 31 टीमों को टूटे हुए दिल के साथ जाना पड़ता है. इसे एक दिन खत्म होना ही होता है. हमारे लिए शायद थोड़ा जल्दी खत्म हुआ."
अपने करियर के सबसे बेहतरीन मैचों में एक खेलते हुए हॉवर्ड ने दर्जन भर पक्के शॉट रोके लेकिन एक्स्ट्रा टाइम में उनका अभेद किला ढह गया. फुटबॉल की अंतरराष्ट्रीय संस्था फीफा ने 2002 से गोलकीपरों के बचाव का रिकॉर्ड रखना शुरू किया है उसके मुताबिक उन्होंने बेल्जियम के खिलाफ मैच में कुल 16 बचाव किए, जो अब तक का सर्वाधिक है.
एक्स्ट्रा टाइम का पहला हिस्सा अगर बेल्जियम के नाम रहा, तो दूसरा अमेरिका के नाम. उन्होंने एक गोल किया और दूसरा बाल बाल बचा. अगर ऐसा हो गया होता, तो खेल पेनाल्टी शूटआउट में जाता और फिर नतीजा कुछ भी हो सकता था. वैसे बेल्जियम के गोलकीपर थिबो कुर्तोआ ने भी बेहतरीन खेल दिखाया और कुछ शानदार शॉट रोके.
इससे पहले अर्जेंटीना और स्विट्जरलैंड का मैच भी काफी देर तक गोलरहित रहा. हालांकि आखिरी कुछ क्षणों में अर्जेंटीनियाई खिलाड़ी डी मारिया ने गोल करके लातिन अमेरिकी देश को जीत दिला दी.
अब क्वार्टर फाइनल की आठ टीमें तय हो चुकी हैं. चार यूरोपीय और चार लातिन अमेरिकी हैं. अर्जेंटीना को अगले दौर में अब बेल्जियम से खेलना होगा.
एजेए/एमजे (एएफपी, एपी, डीपीए)