अर्जेंटीना ने ग्रीस को 2-0 से हराया
२३ जून २०१०ग्रुप ए से मैक्सिको और उरग्वे के आगे पहुंचने के बाद अर्जेंटीना की बारी आई. मंगलवार को टीम की कमान 22 साल के स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेसी को सौंपी गई. अपने 23वें जन्मदिन से दो दिन पहले मेसी को कप्तान का यह गिफ्ट कोच मैराडोना ने दिया. ग्रीस के खिलाफ आखिरी ग्रुप मैच में अर्जेंटीना की टीम आसानी से जीत गई. हालांकि पहले हाफ में कोई गोल नहीं हुआ लेकिन खेल पर लगातार अर्जेंटीना के खिलाड़ियों का दबदबा बना रहा.
ग्रीस के गोलकीपर काटसोरेनिस ने गजब का खेल दिखाते हुए मेसी और अर्जेंटीना के स्ट्राइकरों के कई हमले नाकाम किए. लेकिन 77वें मिनट में अर्जेंटीना को मिले कॉर्नर ने ग्रीस काम तमाम कर दिया. ग्रीस के गोलकीपर ने जर्मन मूल के अर्जेंटीनियाई स्ट्राइकर मार्टिन डेमिखेलिस के शानदार हेड को रोका, लेकिन पलक झपकते ही डेमिखेलिस ने एक और करारी किक लगाई और गोल के हल्ले से स्टेडियम गूंज उठा.
इसके बाद भी खेल अर्जेंटीना के मनमुताबिक हुआ. 36 साल के अनुभवी खिलाड़ी पार्लेमो ने दूसरा गोल किया. पार्लेमो को मैराडोना ने बाद में मैदान में उतारा था. मैच के बाद कोच का धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, ''ये जीत बेशकीमती है. मैं हमेशा मैरोडोना का शुक्रगुजार रहूंगा. उन्हें पता था कि टीम में मुझसे बेहतर खिलाड़ी हैं लेकिन फिर भी उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया.''
ग्रीस के खिलाफ मैराडोना ने टीम में सात बदलाव किए थे. कप्तान जेवियर माशेरनो और स्ट्राइक टावेज को आराम दिया गया. मेसी को वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना का सबसे युवा कप्तान बनने का मौका दिया गया. जीत के बाद मैराडोना ने कहा, ''हम सही रास्ते पर हैं, देखते जाइये, आगे क्या क्या होता है.''
वहीं हार के साथ ग्रीस वर्ल्ड कप से बाहर हो गया है. ग्रीस के मायूस कोच ने जीत का पूरा श्रेय अर्जेंटीना को दिया और कहा, ''हम जो कर सकते थे हमने वो किया, लेकिन ऊंचे स्तर वाली अर्जेंटीना की टीम ने अपने नाम के मुताबिक प्रदर्शन किया.''
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा एम