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अमेरिका पर फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों की जासूसी का आरोप

२४ जून २०१५

विकीलीक्स ने अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी एनएसए पर फ्रांस के तीन राष्ट्रपतियों जाक शिराक, निकोला सारकोजी और फ्रांसोआ ओलांद की जासूसी का आरोप लगाया है. राष्ट्रपति ओलांद ने रक्षा परिषद की आपातकालीन मीटिंग बुलाई है.

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Symbolbild Wikileaks - Homepage
तस्वीर: picture-alliance/dpa/O. Berg

खुफिया जानकारी लीक करने वाली गैर सरकारी संस्था विकीलीक्स द्वारा जारी इन दस्तावेजों में पेरिस में फ्रांसीसी नेताओं की उस बातचीत का जिक्र है जिसमें उन्होंने ग्रीस की अर्थव्यवस्था, जर्मनी के साथ संबंधों और अमेरिकी जासूसी की बात की. दस्तावेज के मुताबिक एनएसए ने तीनों राष्ट्रपतियों के अलावा कैबिनेट मंत्रियों, राज्य सचिवों और अमेरिका में फ्रांसीसी राजदूत की भी जासूसी की. दस्तावेज में फ्रांस के राष्ट्रपति भवन के कई अफसरों के सेलफोन नंबर और खुद राष्ट्रपति का सेल नंबर भी हैं. विकीलीक्स ने यह जानकारी फ्रांसीसी अखबार लिबरेशन और इंवेस्टिगेटिव वेबसाइट मीडियापार्ट के साथ मिलकर जारी की.

फ्रांस की नाराजगी

हालांकि अमेरिका द्वारा इन नेताओं की जासूसी जैसी खबर में कोई हैरानी वाली बात नहीं होनी चाहिए, लेकिन फ्रांसीसी राजनेताओं ने नाराजगी जताई है. विकीलीक्स द्वारा दस्तावेज जारी किए जाने के बाद बुधवार को फ्रांस ने इस तरह के कदमों को अस्वीकार्य बताया है और राष्ट्रपति ओलांद ने अपने कार्यालय में रक्षा परिषद की आपातकालीन मीटिंग बुलाई गई है जिसमें फ्रांस के उच्च रक्षा अधिकारी शामिल हो रहे हैं. राष्ट्रपति ओलांद की सोशलिस्ट पार्टी ने कहा कि अगर सरकार को इसकी जानकारी थी तो भी "इतने बड़े स्तर पर, व्यवस्थित और अनियंत्रित रूप से बातों का सुना जाना असहनीय है."

फ्रांस अमेरिका के उन सहयोगी देशों में से है जो आतंकवाद और अन्य खतरों से निपटने के लिए अमेरिका की जासूसी क्षमता पर काफी हद तक निर्भर करते हैं. निकोला सारकोजी के एक सहायक ने एपी को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति इन तरीकों को अस्वीकार्य मानते हैं, खासकर मित्र देशों द्वारा. वहीं पूर्व राष्ट्रपति जाक शिराक की ओर से कोई बयान नहीं आया है. कई फ्रांसीसी नेताओं ने अमेरिकी जासूसी की खबर पर सोशल मीडिया के जरिए नाराजगी जताई.

जवाब से कतराया एनएसए

एनएसए के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बयान में कहा, "अमेरिका की राष्ट्रपति ओलांद की बातचीत पर नजर नहीं है और ना ही आगे होगी." उन्होंने कहा, "हम विदेशी खुफिया जासूसी तब तक नहीं करते हैं जब तक हमारे पास राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कोई बड़ा और वैध कारण ना हो. यह दुनिया के आम नागरिकों और नेताओं के लिए समान है. हम फ्रांस के साथ सभी अंतरराष्ट्रीय मामलों पर करीबी स्तर पर काम करते हैं और फ्रांसीसी हमारे बेहद जरूरी साथी हैं." प्राइस ने उन दावों के जवाब में कुछ नहीं कहा जिनके मुताबिक अमेरिका ने पहले ओलांद और पूर्व राष्ट्रपतियों की जासूसी की है.

साल 2013 में एनएसए के पूर्व एजेंट एडवर्ड स्नोडेन ने जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल की अमेरिका की तरफ से जासूसी किए जाने का खुलासा कर हलचल मचा दी थी. यह बात भी मान ली गई थी कि अमेरिका मित्र देशों के नेताओं की बातचीत सुनने के लिए डिजिटल जासूसी एजेंसी का इस्तेमाल कर रहा है. हालांकि नई जानकारी अमेरिका के लिए एक बार फिर कूटनीतिक स्तर पर शर्मिंदगी का कारण है.

एसएफ/एमजे (एपी)