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विवाद

अमेरिका जल्द ही अफसोस करेगा: तालिबान

११ सितम्बर २०१९

11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो जंग छेड़ी, वह अब भी जारी है. इस बीच तालिबान ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि शांति वार्ता रद्द करने का अंजाम उसे भुगतना होगा.

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Unruhen in Afghanistan
तस्वीर: Getty Images/N. Mohammad

तालिबान ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना को निशाना बनाता रहेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा तालिबान के साथ जारी समझौता वार्ता रद्द करने के बाद यह बयान आया है. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "अफगानिस्तान से कब्जे को खत्म करने के लिए हमारे पास दो रास्ते थे, जिहाद व संघर्ष और दूसरा वार्ता व मध्यस्थता."

इसके साथ जबीउल्लाह ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, "अगर ट्रंप बातचीत बंद करना चाहते हैं तो हम पहला रास्ता चुनेंगे और जल्द ही वे अफसोस करेंगे."

अमेरिका और तालिबान के बीच कई महीनों से शांति समझौते के लिए बातचीत चल रही थी. सितंबर में एक वक्त ऐसा भी आया जो दोनों पक्षों ने समझौते के करीब पहुंचने का एलान भी किया. लेकिन इस दौरान लगातार अफगानिस्तान में तालिबान के हमले होते रहे. रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए के शक्तिशाली बम धमाके में में अमेरिकी सैनिक की मौत के बाद ट्रंप ने बातचीत रद्द करने का एलान किया. इसी दौरान ट्रंप ने पहली बार सार्वजनिक रूप से बताया कि वह तालिबान के शीर्ष नेतृत्व के साथ वॉशिंगटन के बाहर कैंप डेविड में गोपनीय मुलाकात भी रद्द कर रहे हैं.

Doha  Intra Afghan Dialogue Afghanistan Konferenz
दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच बातचीततस्वीर: Getty Images/AFP/K. Jaafar

मुलाकात रद्द करने के साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा कि शांति समझौते को लेकर हो वार्ता "मर" चुकी है.

शांति समझौते की बातचीत के तहत अमेरिका अफगानिस्तान ने अपने 5400 सैनिक हटाने पर सहमत हो गया था. वॉशिंगटन ने यह भी साफ कर दिया था कि उनकी सेना अफगानिस्तान के पांच सैन्य अड्डे छोड़ देगी. इसके बदले में तालिबान से अफगानिस्तान में शांति बहाल करने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन तालिबान ने बीते हफ्ते एक के बाद एक सिलसिलेवार ढंग से तीन बड़े धमाके किए.

अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना 2001 से तैनात है. अमेरिकी राष्ट्रपति एक बार फिर कह चुके हैं कि अफगानिस्तान से जल्द से जल्द सेना हटाना, अब भी उनकी लिस्ट में है.

इस बीच तालिबान ने उत्तरी अफगानिस्तान के दो जिलों को फिर से अपने नियंत्रण में ले लिया है. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक दोनों जिले ताजिकिस्तान की सीमा से सटे हैं. दोनों जिलों के अधिकारियों ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया कि कई दिनों तक अफगान सेना से लड़ने के बाद तालिबान ने इन इलाकों को अपने कब्जे में लिया है.

ओएसजे/आरपी (एएफपी, डीपीए)

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(अफगान युद्ध की किसने कितनी कीमत चुकाई)