'अमेरिका को करना है प्रेम और नफरत के बीच चुनाव'
२९ जुलाई २०१६"सभी अमेरिकियों" की राष्ट्रपति बनने और देश में सभी के लिए आर्थिक मौके बढ़ाने के वादे के साथ हिलेरी क्लिंटन ने डेमोक्रैटिक पार्टी के नेशनल कन्वेंशन में उम्मीदवारी स्वीकार की. क्लिंटन ने कहा कि उनके जीवन का लक्ष्य रहा है कि सभी अमेरिकी अपनी प्रतिभा और महत्वाकांक्षाओं का इस्तेमाल कर देश को मजबूत बनाएं. 68 साल की अनुभवी नेता हिलेरी क्लिंटन ने अपने भाषण का एक बड़ा हिस्सा विरोधी डॉनल्ड ट्रंप पर निशाना साधने में लगाया. उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप के डर फैलाने की नीति की कड़ी निंदा की.
अपने एक घंटे के भाषण में क्लिंटन ने अमेरिका के लिए एक बेहद आशावादी योजना की रूपरेखा रखते हुए अर्थव्यवस्था को सुधारने के साथ लोगों के लिए "नए मौके, अच्छी नौकरियां पैदा करने और तनख्वाह बढ़ाने" का इरादा जताया. उम्मीद्वारी हासिल करने के प्राइमरी चरणों में अपनी ही पार्टी के नेता बर्नी सैंडर्स के साथ एक कड़ा मुकाबला जीतने के बाद हिलेरी क्लिंटन सैंडर्स के समर्थकों को भी जीतने की कोशिश कर रही हैं. क्लिंटन ने दोहराया कि "मैं डैमोक्रैट, रिपब्लिकन और इंडिपेंडेंट सबकी राष्ट्रपति बनूंगी."
हिलेरी क्लिंटन की जिंदगी ऐसे पलों से भरी हुई है जब उनकी पूरी दुनिया बदल गई. देखिए यहां.
चार दिनों के पार्टी कन्वेंशन में राष्ट्रपति बराक ओबामा से लेकर क्लिंटन के पति और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन जैसे बड़े नेताओं ने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया. करीब एक साल से जारी बेहद कठिन चुनाव अभियान में विजेता रहीं क्लिंटन ने विरोधी ट्रंप को एक उतावला व्यक्ति बताया जो "बात बात पर अपना आपा को देता हो."
वहीं क्लिंटन भी बेनगाजी में अमेरिकी कॉन्सुलेट पर हुए हमले से लेकर लीक हुए ईमेलों जैसे स्कैंडलों के कारण कई अमेरिकियों के बीच अलोकप्रिय हैं. हिलेरी क्लिंटन ने ट्रंप को विदेश नीति से अनभिज्ञ बताते हुए कहा कि शायद वे अमेरिकी जनरलों से ज्यादा इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों के बारे में जानते हों. खुद क्लिंटन ने इस मौके पर अमेरिकी सेना के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया.
रियल एस्टेट टायकून कहे जाने वाले डॉनल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं.
दोनों विरोधी पार्टियों के हाल ही में खत्म हुए नेशनल कन्वेंशनों में जहां ट्रंप के खेमे ने डर और घबराहट का माहौल बनाकर मतदाताओं को अपनी ओर करने की कोशिश की, वहीं क्लिंटन ने इसके उलट प्रेम की ताकत से सभी मुश्किलों को हल करने का संदेश दिया. अमेरिका में एफ्रो-अमेरिकी लोगों के साथ भेदभाव का मुद्दा हो या महिलाओं, मुसलमानों, विदेशियों से अंतर करने का- क्लिंटन और ट्रंप के रूप में इतने विरोधी विचार रखने वाले उम्मीदवार शायद पहले कभी ना हुए हों. इन राष्ट्रपति चुनावों को सीधे सरल शब्दों में प्रेम और नफरत के बीत का चुनाव कहना गलत नहीं होगा.