अमेरिका को आईना
६ मार्च २०१५नए आतंकवाद निरोधी कानून से चीन इलेक्ट्रॉनिक संवाद पर नजर रख सकेगा. इसकी जद में चीन में अरबों डॉलर के बाजार के लिए लड़ने वाले विदेशी इंटरनेट ऑपरेटर भी आएंगे. अमेरिका इससे चिंतित है. उसे लगता है कि कानून का इस्तेमाल विदेशी कंपनियों के राज जानने के लिए किया जा सकता है.
अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ तीन और मंत्रियों ने मिलकर इस मुद्दे पर बीजिंग सरकार को खत भी लिखा है. अमेरिकी अधिकारियों ने नए आतंकवाद निरोधी कानून के प्रस्ताव पर "गंभीर चिंताएं" जताईं. अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चार कैबिनेट मंत्रियों का चीन के साथ कारोबार को लेकर सक्रिय होना सामान्य नहीं है. इससे पता चलता है कि वॉशिंगटन नए कानून को लेकर कितनी चिंता में है.
अमेरिका को नसीहत
चीनी संसद की प्रवक्ता फु यिंग ने इन आशंकाओं को दरकिनार किया है. गुरुवार को फु ने कहा कि विधेयक में इलेक्ट्रॉनिक संवाद तक पहुंच बनाने की कोशिश वैसी ही है, जिस तरह की मांगें अमेरिका और ब्रिटेन भी करते हैं. उन्होंने कहा कि नया कानून आतंकवादी घटनाओं को रोकने और उनकी जांच करने लिए बनाया जा रहा है, "यह इंटरनेट ऑपरेटरों के वैधानिक अधिकारों पर असर नहीं डालेगा."
चीन की योजना को अमेरिका के जासूसी प्रकरण से जोड़कर भी देखा जा रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि चीन भी राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर अमेरिका की राह पर निकलना चाहता है. फुडान यूनिवर्सिटी के निदेशक शेन डिंनग्ली कहते हैं, "हम वही कर रहे है जो अमेरिका कर चुका है. अब फैसला आपको करना है, आप 1.3 अरब लोगों वाले बाजार में पैसा कमाना चाहते हैं या नहीं. हमारे पास विकल्प हैं."
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुअ चुनयिंग ने भी वॉशिंगटन को संयम की सलाह दी, उम्मीद है कि अमेरिका नए आतंकवाद निरोधी विधेयक को "शांत और तार्किक ढंग से" देखेगा. विधेयक का एक प्रस्ताव सार्वजनिक रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध है. एक पार्टी शासन वाले चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस इसी हफ्ते इस पर चर्चा करेगी.
चीन सरकार अब तक इलेक्ट्रॉनिक संवाद पर दबाव के सहारे नजर रख रही थी. गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट से उसका बड़ा विवाद भी हो चुका है. अब नए कानून के जरिए बीजिंग खुले तौर पर ऐसा करेगा. चीन में इंटरनेट सेवाओं का बाजार करीब 465 अरब डॉलर का है.
चिंता या नाटक
अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल बिजनेस के प्रोफेसर टेड मोरान वॉशिंगटन की चिंताओं को नाटक करार देते हैं. मोरान के मुताबिक अमेरिकी कानून अमेरिकी सरकार को दूसरे देशों में जमा यूजर के डाटा तक पहुंचने का अधिकार देते हैं, "यहां बहुत ही ज्यादा ढोंग दिख रहा है."
दुनिया भर में इंटरनेट सेवाओं से जुड़ी कंपनियां अपने ग्राहकों को डाटा सुरक्षा का भरोसा दिलाती हैं. अमेरिकी कंपनियां अपना आतंरिक संवाद इन्क्रिप्टेड कोड के साथ करती हैं. कंपनियां चाहती हैं कि उनका संवाद गोपनीय रहे.
ओएसजे/आरआर (एपी)