1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अमेरिका का फैसला फिर करेगा चीन को नाराज

९ जुलाई २०१९

दुनिया की दो बड़ी महाशक्तियां अमेरिका और चीन इन दिनों कारोबारी जंग में उलझी हुई हैं. इस बीच अमेरिका ने ताइवान के साथ हथियारों की बिक्री का समझौता कर एक बार फिर चीन को नाराज होने का मौका दे दिया है.

https://p.dw.com/p/3LmQT
Blast from an M1A2 Abrams tank  Panzer
तस्वीर: picture-alliance/Newscom/J. Farmer

अमेरिकी रक्षा कार्यालय पेंटागन ने साफ किया है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ताइवान के साथ हथियारों की 2.2 अरब डॉलर की संभावित बिक्री को मंजूरी दे दी है. अमेरिका की यह घोषणा चीन को नाराज कर सकती है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और पहले भी इस संभावित बिक्री को लेकर अपनी "गंभीर चिंता" जता चुका है.

अमेरिकी डिफेंस सिक्युरिटी कॉरपोरेशन एजेंसी (डीएससीए) के मुताबिक अमेरिकी कांग्रेस को इस सौदे के बारे में सूचित कर दिया गया है जिसमें अबराम टैंक समेत 250 मिसाइल और अन्य सामान होगा. अमेरिकी सांसदों के पास इस डील पर आपत्ति जताने के लिए 30 दिन का समय है लेकिन ऐसा होने की संभावना कम है. डीएससीए ने कहा, "प्रस्तावित टैंक बिक्री ताइवान के टैंक बेड़े के आधुनिकीकरण में मदद करेगा. साथ ही मौजूदा और भविष्य के क्षेत्रीय खतरों से निपटने के लिए भी उसे सक्षम बनाएगा."

एजेंसी ने कहा, "मिसाइल समझौते ताइवान की सुरक्षा और रक्षा क्षमता में सुधार करके अमेरिका की भी विदेश और रक्षा नीति का समर्थन करेंगे. रक्षा क्षमता किसी भी क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, सैन्य संतुलन और आर्थिक विकास के लिए अहम हैं."

इसके पहले चीन ने इस बिक्री के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया दी थी. चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था, "हम बार बार अमेरिका पर ताइवान को हथियार बेचने के निर्णय की संवेदनशीलता और नुकसान के साथ-साथ वन चाइना सिद्धांत को समझने के लिए जोर डाल रहे हैं." पिछले लंबे समय से अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी जंग छिड़ी हुई है.

_______________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

एए/आईबी (एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें