अभिनेता नहीं बनना चाहते थे अजय
१ अप्रैल २०१५अजय देवगन हिन्दी फिल्म जगत में निर्देशक बनने का सपना लेकर आए थे. अजय देवगन का मूल नाम विशाल देवगन है. उनके पिता वीरू देवगन हिंदी फिल्मों के नामी स्टंट मैन थे. जबकि उनकी मां वीणा देवगन ने एक-दो फिल्मों का निर्माण किया था. घर में फिल्मी माहौल के होने कारण अजय देवगन की रुचि भी फिल्मों की ओर हो गई और वह फिल्म निर्देशक बनने का सपना देखने लगे.
उन्होंने स्नातक की पढ़ाई मुंबई के मीठी भाई कॉलेज से पूरी की. इसके बाद वह फिल्म निर्देशक शेखर कपूर के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम करने लगे. इसी दौरान उनकी मुलाकात कुक्कु कोहली से हुई जो उन दिनों नई फिल्म 'फूल और कांटे' के निर्माण में व्यस्त थे और एक ऐसे अभिनेता की तलाश में थे जो रूमानी भूमिका के साथ साथ एक्शन दृश्य भी कर सके. इस दौरान उन्होंने अजय देवगन के बारे में सुना कि वे एक्शन और नृत्य करने में माहिर हैं और उन्होंने उनसे फिल्म का नायक बनने की पेशकश की. अपनी पहली ही फिल्म की सफलता के बाद अजय देवगन दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए. इसके बाद अजय ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गए.
नर्वस हैं करण
बॉलीवुड के जानेमाने फिल्मकार करण जौहर अपनी आने वाली फिल्म 'बॉम्बे वेल्वेट' को लेकर बेहद नर्वस हैं. करण जौहर फिल्म 'बॉम्बे वेल्वेट' के जरिए बतौर अभिनेता अपनी शुरूआत कर रहे हैं. इस फिल्म में करण जौहर ने नेगेटिव भूमिका निभाई है. हालांकि इससे पहले करण फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में एक छोटी सी भूमिका निभा चुके हैं. करण जौहर इस बात को सोचकर परेशान हैं कि फिल्म में उनके नकारात्मक किरदार को दर्शकों की कैसी प्रतिक्रिया मिलेगा.
फिल्म में करण ने कैजाद खम्बत्ता नाम के खलनायक की भूमिका निभाई है. करण जौहर ने कहा, "मैं इसे लेकर सच में बहुत व्याकुल हूं, क्योंकि अभिनय के क्षेत्र में यह मेरा पहला कदम है. करण ने कहा निर्देशक अनुराग कश्यप किसी के नाज-नखरे नहीं सह सकते. मैं सेट पर नखरे नहीं कर सकता था. अनुराग ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिनसे नाज-नखरे करके अपनी बात मनवाई जा सके. उनका नजरिया बेहद स्पष्ट है."
एसएफ/आईबी (वार्ता)