अच्छे दिनों का हिसाब मांगते लोग
८ अक्टूबर २०१४पहले अमेरिका में भाषण दे कर और फिर भारत की सड़कों पर झाड़ू लगा कर मोदी ने लोगों का दिल तो जीता लेकिन अभी भी वे पूरी तरह से जनता के दिलों में नहीं उतर पाए हैं. चाहे बिजली और पेट्रोल के दाम हों या टमाटर और प्याज के, भारत में लोगों को महंगाई से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. यही वजह है कि माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर इन दिनों #fekuflops ट्रेंड कर रहा है. मोदी से नाराज लोगों ने उन्हें 'फेकू' का नाम दे दिया है और इस हैशटैग के जरिए वे उन्हें चुनाव से पहले किए वादों की याद दिला रहे हैं. साथ ही विदेश दौरों, खास कर अमेरिका में दिए भाषण की भी चीर फाड़ की जा रही है. कुछ इस तरह की तसवीरें पोस्ट कर लोग चुटकी ले रहे हैं..
लोग अब मोदी की तुलना हमेशा चुप रहने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी करने लगे हैं. कई लोगों का कहना है कि मोदी सिर्फ बातों के ही शेर हैं और दोनों प्रधानमंत्रियों की केवल कथनी में ही अंतर है, करनी में नहीं. साथ ही सीमा पर पाकिस्तान के साथ चल रहा तनाव भी जनता के गुस्से का कारण बना हुआ है. जनता मोदी से असंतुष्ट नजर आ रही है. लोगों की शिकायत है कि जहां विपक्ष में रह कर मोदी पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम ना उठाने पर कांग्रेस सरकार की आलोचना करते थे, वहीं अब खुद सरकार संभालते के बाद वे कोई ठोस कदम उठाते हुए डर रहे हैं. फेकूफ्लॉप्स के कुछ ट्वीट्स इस प्रकार हैं..
प्रधानमंत्री मोदी हालांकि सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहते हैं, लेकिन इस मुद्दे को उन्होंने नजरअंदाज करना बेहतर समझा है. अपने अकाउंट से वे अभी भी लगातार ट्वीट तो कर रहे हैं, पर केवल सरकार की उपलब्धियों के बारे में. हाल ही में अपने पहले रेडियो शो 'मन की बात' में मोदी ने कुछ संदेश पढ़ कर बताया कि वे जनता द्वारा भेजे सभी ईमेल इत्यादि को पढ़ते हैं और वक्त रहते इनका जवाब देने की कोशिश करते हैं. शायद आने वाले दिनों में वे ट्विटर पर उठ रहे इन सवालों का भी जवाब दें.