1984 में राकेश शर्मा ने जब चांद की ज़मीन पर पैर रखा, तब इंटरनेट का ज़माना नहीं था, सेल्फी का चलन नहीं था. इसलिए हमने वही तस्वीरें देखी हैं, जो उस ज़माने में इसरो ने जारी की. लेकिन अब वक्त अलग है. एस्ट्रोनॉट भी अब रियल टाइम में लोगों के साथ जुड़े रहते हैं.