अंतरिक्ष के रेडिएशन का इंसान पर असर
११ नवम्बर २०१४चेक गणराज्य के कुछ वैज्ञानिकों ने अक्टूबर में मौसम को नापने वाला एक गुब्बारा स्लोवाकिया से धरती के वायुमंडल में भेजा. इस गुब्बारे में नैनोबायोसेंसर रखा हुआ था जो आसमान से आने वाले विकिरणों का इंसानी गुणसूत्र पर होने वाला प्रभाव नाप सकता था. ब्रनो में मेंडल यूनिवर्सिटी में मैटेलोमिक्स और नैनोटेकनोलॉजी प्रयोगशाला के प्रमुख रेने किसेक ने बताया, "इस प्रयोग का इस्तेमाल ऐसी नई तकनीक विकसित करने के लिए किया जा सकता है जिससे विकिरण पता लगाने के लिए नए सेंसर बनाए जा सकें. इस तकनीक का हम चिकित्सा और सेना में इस्तेमाल कर सकते हैं. या डीएनए में क्षति का पता लगाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है."
अंतरिक्षीय किरणें
अंतरिक्ष यात्री, अटलांटिक पर उड़ने वाले पायलट, एक्सरे मशीन पर काम करने वाले लोग भी डीएनए में बदलाव या क्षति का शिकार हैं. इस तरह के विकिरण का शिकार होने के क्या परिणाम हो सकते हैं इसका तुरंत पता लगाने के लिए प्रोफेसर किसेक और उनकी टीम ने एक खास अंतरिक्ष परीक्षण किया जिससे डीएनए पर असर पता चले.
इसके लिए उन्होंने डीएनए को क्वांटम डॉट्स में डाला. डीएनए में जितनी क्षति हुई है, ये अर्धचालक नैनोपार्टिकल उसके हिसाब से अलग अलग फ्लोरोसेंट रंग में चमकने लगते हैं. शोधार्थी ज्बिन्येक हेगर बताते हैं, "क्वांटम डॉट्स अच्छे हैं क्योंकि वह स्थिर हैं और इनमें काफी फ्लोरोसेंट प्रकाश है. गुणसूत्र को कितना नुकसान पहुंचा है इसका स्तर बताने में या फिर बायोमॉलिक्यूल का पता लगाने के लिए ये अच्छे हैं क्योंकि ये सस्ते हैं और इनके जरिए उच्च ग्रहणशीलता मिल जाती है."
प्रोफेसर कीसेक कहते हैं कि वह चाहेंगे कि एक ऐसा दिन आए जब बायोसेंसर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर भी ले जाए जाएं ताकि अंतरिक्ष यात्रियों को पता चले कि उनके डीएनए पर अंतरिक्ष के विकिरणों का क्या असर पड़ रहा है. इसके अलावा एक्सरे मशीन चलाने वालों के लिए या पायलेटों के लिए व्यावसायिक सेंसर का इस्तेमाल किया जा सकता है, "हम वैसे भी जानते हैं कि डीएनए के लिए विकिरण बहुत खतरनाक होते हैं और इन्हीं के कारण कैंसर पैदा होता है. लेकिन हम यह नहीं जानते कि स्ट्रैटोस्फीयर में जाने के बाद यह होता कैसे है और हम इसे कम कैसे कर सकते हैं."
इसी का पता लगाने के लिए बायोसेंसर बनाया जा रहा है. इसे बार बार अंतरिक्ष में भेज कर साल भर तक इसका डाटा जमा किया जाएगा और उसका विश्लेषण किया जाएगा.