अंतरिक्ष की बुलंदियों को फिर छुएंगी सुनीता विलियम्स
१० जुलाई २०१०अमेरिका के ओहायो प्रांत में गुजराती परिवार में जन्मी सुनीता विलियम्स दूसरी बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगी. 44 वर्षीया सुनीता के नाम 195 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने वाली महिला होने का रिकॉर्ड है. 9 दिसम्बर 2006 को उन्होंने उड़ान भरी और 11 दिसम्बर 2006 को टीम स्पेस स्टेशन पहुंची.
एक्सपीडिशन-14 क्रू के साथ नासा ने चार बार स्पेस वॉक की. सुनीता कुल 29 घंटे और 17 मिनट तक अंतरिक्ष में चलीं. हालांकि बाद में एस्ट्रोनॉट पैगी व्हिस्टन ने 2008 में पांच बार स्पेस वॉक कर इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया.
सुनीता विलियम्स के साथ स्पेस स्टेशन तक के सफर में रूसी फ्लाइट इंजीनियर यूरी मालेनशेंको और जापान के एस्ट्रोनॉट अकीहीको होशिदे होंगे. नासा अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ काम कर रही है और इस सिलसिले में चार नए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए टीम चुनी गई है. नासा के सहयोगियों में रूस की स्पेस एजेंसी और जापान की एयरोस्पेस एजेंसी शामिल है.
नासा का कहना है कि सुनीता विलियम्स अक्टूबर 2012 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की कमांडर बन सकती हैं. नासा ने सुनीता को जून 1998 में चुना था और वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फ्लाइट इंजीनियर की जिम्मेदारी निभा चुकी हैं.
सुनीता विलियम्स ने एसटीएस-116 के दल के साथ विलियम्स अपना काम खत्म कर एक्सीपिडिशन-15 के क्रू के साथ धरती पर लौटीं और उन्होंने 22 जून 2007 को एडवर्ड्स एयर फोर्स बेस पर कदम रखा.
सुनीता ने शैनन ल्युसिड का रिकॉर्ड तोड़ कर अंतरिक्ष में 195 दिन तक रहने वाली महिला एस्ट्रोनॉट होने का रिकॉर्ड कायम किया. अंतरिक्ष में अपने लंबे सफर के लिए सुनीता अपने साथ भगवदगीता, गणेश की मूर्ति और कुछ समोसे ले कर गई थीं. सितम्बर 2007 में सुनीता भारत भी आ चुकी हैं और उस दौरान वह साबरमती आश्रम गई थीं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह