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अंडे का फंडा

१ मार्च २०१३

चाहे खेल हो या राजनीतिक मुद्दे, या फिर हमारी वेबसाइट पर दी गई जानकारियां, हमें पाठकों से लगातार उनकी राय मिलती रहती है, आइए जाने क्या लिखा है.......

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Bioeier auf dem Bauernmarkt (Fotolia: #32109324); © Fotolia/Stefan Merkle
तस्वीर: Fotolia/Stefan Merkle

क्रिकेट के खेल को ओलंपिक खेलों में शामिल किया जाना चाहिए लेख को पढ़कर हम डीडब्ल्यू के श्रोताओं को बहुत ही खुशी हुई. हम क्लब के सभी सदस्य इसका समर्थन करते हैं. आशा करते है कि जर्मन लोग भी क्रिकेट खेल में अपनी दिलचस्पी दिखायेंगे. हमें लगता है कि जर्मनी में भी कई क्रिकेट क्लब होंगे. वे कैसे क्रिकेट खेल को लोकप्रियता दे रहे हैं इस पर भी एक आर्टिकल विस्तार से लिखें.

हमारे काफी सारे क्लब सदस्य संपादक है जो खेलों पर भी आलेख लिखते रहते हैं. अगर आपकी अनुमति हो तो हम सांस्कृतिक, सामाजिक और खेलों से संबंधित विषयो पर एक वीडियो बनाकर आपको भेज देते हैं. आपके जवाब की प्रतीक्षा में.

बके हमीदुल्ला, डीडब्ल्यू लिस्नर्स क्लब, अनंतपुर, आंध्र प्रदेश

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TO GO WITH AFP STORY BY ISABELLE WESSELINGH A teacher shows a programm to a boy on a computer during the NGO afterschool program of 'Dincolo of tacere' (Beyond silence) at the NGO's headquarters in Galati city , Romania on February 7, 2013. In Romania, one of the EU's poorest countries, hope to many has come in the form of a computer recycling program that is helping jobless adults and disadvantaged Roma youth beat the odds. AFP PHOTO DANIEL MIHAILESCU (Photo credit should read DANIEL MIHAILESCU/AFP/Getty Images)
तस्वीर: Daniel Mihailescu/AFP/Getty Images

सिखाने का तरीका सीखो - वक्त तेजी से बदल रहा है पुराने प्रयोगों को नए संदर्भों में देखने की जरूरत है. क्या सुगाता मित्रा का प्रयोग आज के समय में भी वैसा ही परिणाम देगा जैसा कि उन्होंने 1999में दिल्ली के झुग्गी के बच्चों को पढ़ाने के लिए किया गया था ? यह तो संदेह पैदा करने वाली बात है. आज के बच्चे भी वैसे ही बदल रहे है जैसा कि हर दो तीन महीने में मोबाईल और नए गैजेट का अपडेटेड वर्जन आ जाता है. इंटरनेट क्लाउड के जरिए पढ़ाई का लाभ यदि गरीब व निचले वर्ग के बच्चों को मिले तो कमाल हो सकता है, भारत में कई सरकारी स्कूल में इसकी जरुरत है जहां कई प्रतिभाशाली बच्चें है पर बेहतर शिक्षक, संसाधन और ईमानदारी पहल नहीं हैं.

तेजपाल सिंह हंसपाल, रायपुर, छत्तीसगढ़

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मैं डॉयचे वेले वेबसाइट का नियमित पाठक हूं दुनियाभर की खबरें,ज्ञान-विज्ञान,संस्कृति,खेल जगत के बारे में ताज़ा जानकारी प्राप्त करने के लिए डॉयचे वेले की वेबसाइट एक अति उत्तम माध्यम है."शांति की सवारी" शीर्षक छवि की रंग बिरंगे पहिये की प्रदर्शनी मुझे बहुत अच्छी लगी.दुनिया का सबसे यादगार जहाज टाइटैनिक की हूबहू नकल बनाने की खबर डॉयचे वेले के वेबसाइट से प्राप्त हुई."मशीनों से बात करेंगी मशीनें" शीर्षक प्रतिवेदन भी अच्छा लगा.

सुभाष चक्रबर्ती,नई दिल्ली

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कल ही मेरी वार्षिक परीक्षा समाप्त हुई है और आज पहली बार मैंने दूरदर्शन पर आपका कार्यक्रम मंथन देखा जिसमें बैटरी से चलने वाली साइकिल और फोल्डिंग कार को आपने दिखाया जो बहुत ही दिलचस्प था. यह पर्यावरण के हिसाब से भी सही है. आपका यह कार्यक्रम काफी ज्ञानवर्धक है. इसे मैं आगे भी देखती रहूंगी.

Das Velocity aus Schweizerischer Produktion wird von einem 1000 Watt Elektroantrieb bewegt und erreicht eine Spitzengeschwindigkeit von 33 km/h. Die Batterien koennen in 2 1/2 Stunden aufgeladen werden. Ohne zu Treten koennen Steigungen von 20 Prozent bewaeltigt werden. Ausgeruestet ist das Rad mit einer 21-Gang Kettenschal tung. Das Geraet fuer 5000 Schweizer Franken ist vom 14. bis 17. September auf der Intercycle Cologne in Koeln zu bestaunen und zu bestellen. (Hersteller Kutter, Basel; COLORplus)
तस्वीर: picture-alliance/dpa

प्रिया कुमारी, जमशेदपुर ,झारखंड

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जर्मनी में अब अंडे का घोटाला - जर्मनी में अंडे घोटाले की खबर पढ़कर आश्चर्य में पड़ गया. मजे की बात ये कि अब गंदे धन्धे करने का रोग पश्चिम और यूरोप की तरफ अपने पंख फैला रहा है और लोगों के साथ विश्वासघात का घिनौना खेल खेला जा रहा है, लेकिन इन सब के लिए अकेले धंधा करने वाले ही दोषी नहीं हैं बल्कि सरकारी अमला भी मिला हुआ है. जर्मनी में तो कानून भी सख्त हैं और कसौटी भी खरी है. बावजूद इसके अगर कुछ गलत हो रहा है तो कहना न होगा कि सरकारी नुमाइंदों के सरपरस्ती के बिना इतना बड़ा खेल खेलना नामुमकिन है लेकिन इस अंडे के फंडे की वजह से जानकारी जरूर बढ़ गई जिसके लिए डॉयचे वेले बधाई का पात्र है.
रविश्रीवास्तव, इंटरनेशनल फ्रेंडस क्लब, इलाहाबाद

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संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे