1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

हॉकी संस्थाओं को खेल मंत्रालय की कड़ी चेतावनी

१२ जून २०११

भारतीय खेल मंत्रालय ने हॉकी इंडिया और इंडियन हॉकी फेडरेशन को दो दिन में एक संयुक्त संस्था बनाने का अल्टीमेटम दिया है. सरकारी आदेश का पालन न करने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी भी दी गई है.

https://p.dw.com/p/11Ys3
Congress leader Ajay Maken showing victory sign after his win from New Delhi Parliamentary seat. Der Politiker der Kongresspartei Ajay Maken zeigt das Siegszeichen nachdem er einen Sitz im Parlament bei den Parlamentswahlen 2009 in Indien errungen hat
तस्वीर: UNI

दिल्ली में खेल मंत्री अजय माकन ने हॉकी इंडिया और इंडियन हॉकी फेडरेशन के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की जिसके बाद यह फैसला लिया गया है. खेल मंत्रालय हॉकी इंडिया और इंडियन हॉकी फेडरेशन के बीच चली आ रही तनातनी को खत्म करने के प्रयासों में जुटा है. भारतीय हॉकी जगत की दोनों संस्थाओं में मान्यता और अधिकारों के बंटवारे के मुद्दे पर मतभेद कायम हैं.

मीटिंग के बाद अजय माकन ने बताया, "हमने हॉकी इंडिया और इंडियन हॉकी फेडरेशन को एक संतुलित प्रस्ताव दिया है जिसमें दोनों ही फेडरेशन को बराबरी का महत्व दिया गया है. हमने उन्हें जवाब देने के लिए मंगलवार तक का समय दिया है. खेल मंत्रालय ने कहा है कि वे अलग अलग जवाब देने के बजाए संयुक्त रूप से जवाब भेजें. अगर वे अब भी राजी नहीं होते हैं तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और सुप्रीम कोर्ट को सूचित कर दिया जाएगा क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन भी है."

सरकार की इस चेतावनी को राष्ट्रीय खेल महासंघों की स्वायत्तता के हनन के रूप में देखा जा रहा है लेकिन अजय माकन का कहना है कि खेल के हित को ध्यान में रखकर ही उनका मंत्रालय कार्रवाई के लिए मजबूर हो सकता है. "हम किसी का पक्ष नहीं ले रहे हैं. सरकार का कोई भी कदम खेल के हित में होगा और देश की भलाई के लिए लिया जाएगा."

अपने प्रस्ताव में खेल मंत्रालय ने हॉकी इंडिया से एक्जीक्यूटिव बोर्ड की ताकत बढ़ाने और उसमें इंडियन हॉकी फेडरेशन के पदाधिकारियों को शामिल करने के लिए कहा है. खेल मंत्रालय ने हॉकी इंडिया को सुझाया है कि इंडियन हॉकी फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष केपीएस गिल को आजीवन चीफ पैट्रन का पद दिया जाना चाहिए और उन्हें वोटिंग का अधिकार भी मिलना चाहिए. अजय माकन के मुताबिक उचित कदमों को उठाने के बाद हॉकी इंडिया ही भारत में हॉकी के लिए खेल संस्था होगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: महेश झा